हिसार डीसी बोलीं- कोरोना संक्रमितों की हालत बिगडऩे के बाद अस्पताल ले जाने से हो रही ज्‍यादा मौतें

डीसी प्रियंका सोनी ने कहा कोरोना संक्रमितों की मृत्यु के मामलों में होने वाले डेथ-ऑडिट में सामने आया है कि ऐसे होम क्वांरटाईन संक्रमितों जिन्हें पहले से रक्तचाप मधुमेह ह्रदय रोग जैसी अन्य बिमारियां हैं उन्हें सही समय पर विशेषज्ञ डॉक्टरों का उपचार नहीं मिला। परिजन लापरवाही बरत रहे हैं

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 05:59 PM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 05:59 PM (IST)
हिसार डीसी बोलीं- कोरोना संक्रमितों की हालत बिगडऩे के बाद अस्पताल ले जाने से हो रही ज्‍यादा मौतें
डीसी ने कहा एक बार कोरोना संक्रमितों के फेफड़ों तक संक्रमण पहुंच जाए तो जान बचाना मुश्किल हो जाता है।

हिसार, जेएनएन। उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की हालत बिगडऩे के बाद देरी से अस्पताल पहुंचना मृत्यु दर बढऩे का सबसे बड़ा कारण है। कोरोना संक्रमितों की मृत्यु के मामलों में होने वाले डेथ-ऑडिट में यह सामने आया है कि ऐसे होम क्वांरटाईन संक्रमितों जिन्हें पहले से रक्तचाप, मधुमेह, ह्रïदय रोग जैसी अन्य बिमारियां हैं, उन्हें सही समय पर विशेषज्ञ डॉक्टरों का उपचार नहीं मिला। ऐसे मामलों में परिजनों के द्वारा बड़ी लापरवाही बरती जा रही है।

बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में उपायुक्त ने सख्त हिदायत जारी करते हुए कहा कि कोरोना पॉजिटिव संक्रमितों के सभी परिजनों, संपर्क में आए सभी व्यक्तितयों तथा कंटनमेंट जोन में आने वाले सभी आस-पड़ोस के लोंगों के कोरोना टेस्ट हर हाल में कराए जाएं। जिला में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर के बढऩे पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि  रक्तचाप, मधुमेह, ह्रदय रोग जैसी बिमारियों से पीडि़त कोरोना संक्रमितों के परिजन तुरंत विशेषज्ञ डाक्टरों से संपर्क करें। ऐसे मामलों में उपचार में देरी जानलेवा है। डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि डेथ-ऑडिट में यह सामने आया है कि यदि एक बार कोरोना संक्रमितों के फेफड़ों तक संक्रमण पहुंच जाए तो उसकी जान बचा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।  

उन्होंने कहा कि जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, उस हिसाब से अलर्ट होते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सरकार के निर्देशानुसार इलाज की बेहतर व्यवस्था करें। नागरिक अस्पताल तथा महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमितों का उपचार नि:शुल्क है। इसके अतिरिक्त निजी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमितों के ईलाज की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। निजी अस्पतालों को 2 श्रेणियों में रखा गया है। इसमें एक वे अस्पताल हैं जो नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाईडर्स यानि नभ के तहत आते हैं तथा दूसरे अस्पताल वे हैं जो नभ के दायरे में नहीं आते। नभ के दायरे में आने वाले निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले बैड के लिए 10 हजार रुपये प्रतिदिन, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू में दाखिल होने पर 15 हजार रुपये प्रतिदिन तथा वेंटिलेटर के साथ आईसीयू में दाखिल होने पर 18 हजार रुपये प्रतिदिन की अधिकतम दर निर्धारित की गई है।

नभ के दायरे में ना आने वाले निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले बैड के लिए 8 हजार रुपये प्रतिदिन, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू में दाखिल होने पर 13 हजार रुपये प्रतिदिन तथा वेंटिलेटर के साथ आईसीयू में दाखिल होने पर 15 हजार रुपये प्रतिदिन की अधिकतम दर निर्धारित की गई है।

उपायुक्त ने कहा कि जिले में कोरोना मरीजों की संख्या के मद्देनजर अस्पतालों में 25 प्रतिशत बैड आरक्षित रखने बारे भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी अस्पतालों के संचालकों से कहा है कि वे बिना किसी देरी के कोरोना संक्रमितों का ईलाज आंरभ करें, यदि इस कार्य में किसी अस्पताल संचालक द्वारा कोताही बरती गई तो उसके विरूद्घ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उपायुक्त ने जिलावासियों के लिए मोबाईल नं. 94164-95690 जारी करते हुए कहा कि यदि किसी को अस्पताल में बैड की उपलब्धता न होने या अन्य कोई शिकायत है तो वे इस नंबर पर बात करके अपनी समस्या रख सकते हैं।

उपायुक्त ने कहा कि जिला में 16 डिस्ट्रिक कोविड हैल्थ सेंटर हैं, इनमें आधार अस्पताल, मेडिसिटी, गीताजंलि, एसएल मिंढा, होली हेल्प, सेवक सभा, महात्मा गांधी, शांति देवी, श्री काली देवी, जिंदल इंस्ट्यिूट ऑफ मेडिकल साईसेंस, रविंद्रा, सपरा, सर्वोदया, सुखदा, सैन्य अस्पताल तथा नागरिक अस्पताल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज अग्रोहा तथा सीएमसी अस्पताल को डिस्ट्रिक कोविड अस्पताल बनाया गया है।

इस अवसर पर सीएमओ डॉ. रत्ना भारती, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जया गोयल, डिप्टी सर्जन डॉ. तरूण एवं डॉ. सुभाष खटरेजा सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी