बिजली मीटर चेंज ऑर्डर खेल : मीटर तो बदल दिए मगर 38 हजार मीटर का नहीं मिला रिकार्ड

जांच करवाई तो करीब 7000 मीटर ऐसे जिनसे डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की रीडिंग बनती हैं। हिसार पलवल भिवानी जींद फतेहाबाद सिरसा गुरुग्राम फरीदाबाद आदि शहरों के मीटर शामिल

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 11 Feb 2020 01:09 PM (IST) Updated:Tue, 11 Feb 2020 01:09 PM (IST)
बिजली मीटर चेंज ऑर्डर खेल : मीटर तो बदल दिए मगर 38 हजार मीटर का नहीं मिला रिकार्ड
बिजली मीटर चेंज ऑर्डर खेल : मीटर तो बदल दिए मगर 38 हजार मीटर का नहीं मिला रिकार्ड

हिसार [अमित धवन] बिजली निगम में मीटर बदलकर रिकार्ड गायब करने का खेल लंबे समय से चल रहा है। हकीकत में मीटर बदलने के बावजूद मीटर चेंज ऑर्डर (एमसीओ) रिकार्ड में नहीं चढ़ाने के कारण बदले गए मीटरों का रिकार्ड नहीं मिल रहा। जांच में बिजली निगम अधिकारियों ने ऐसे 38 हजार मीटर पकड़े जिनका रिकार्ड नहीं था। सीएमडी के आदेश रप निगम अधिकारियों ने हिसार, पलवल, भिवानी, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि शहरों में नोटिस देकर एमसीओ चढ़वाने का काम शुरू करवाया। रिकार्ड पूरा करने के साथ ही मीटर ढूंढवाकर जब लैब में जांच करवाई तो करीब सात हजार मीटर ऐसे निकले जिनसे डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की रीडिंग बनती हैं। वहीं निगम उन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई कर सकता है जो निगम को नुकसान पहुंचाने में जुटे थे।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) की तरफ से मीटर खराब होने पर बदला जाता है। सब डिविजन लेवल पर होने वाले निर्णय के बाद मीटर लगने पर एमसीओ चढ़वाने की जिम्मेदारी जूनियर इंजीनियर और इंचार्ज की होती है। उसे निगम उच्च कार्यालय को भेजा जाता है। मगर 2016 के बाद 38 हजार मीटर के एमसीओ निगम के रिकार्ड में नहीं चढ़े। उपभोक्ताओं की तरफ से बिल एवरेज पर देने की शिकायत हुई तो पता चला कि एमसीओ नहीं आने के कारण नए मीटर की रीङ्क्षडग ही नहीं ली जा रही है। उसके बाद उच्च अधिकारियों ने एमसीओ चढ़वाने का काम शुरू किया है। चार साल तक एमसीओ नहीं चढऩे के कारण निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान भी हुआ।

पांच हजार मीटर का एमसीओ अभी भी बाकी

डीएचबीवीएन में पांच हजार मीटर अभी भी ऐसे हैं जिनका एमसीओ नहीं चढ़ा है। पुराने एमसीओ चढ़ाने के लिए निगम कर्मचारी-अधिकारी को वह पुराना मीटर भी लाना पड़ रहा है। मगर काफी केस ऐसे हैं जिनमें मीटर ही नहीं मिल रहा है। अंदेशा है कि उनको रिकार्ड में जमा ही नहीं करवाया गया।

पांच लैब में होती है जांच

मीटर की डीएचबीवीएन में हिसार के अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, दादरी और सिरसा में जांच होती है। एमसीओ वाले मीटर यहीं भेजे जा रहे हैं। इसमें एक मीटर में एवरेज के अनुसार 25 हजार रुपये तक राजस्व मिल रहा है। किसी उपभोक्ता की दो हजार तो किसी की 10 हजार रीङ्क्षडग तक बैलेंस निकल रही हैं। लैब के रिकार्ड को देखें तो आज के समय में सभी जगह 500 मीटर चैक हो रहे हैं।

क्या है एमसीओ

मीटर चेंज ऑर्डर (एमसीओ) मीटर बदलने पर जूनियर इंजीनियर या इंचार्ज को भरकर रिकार्ड में लगाना होता है। यह एमसीओ पुराने मीटर की लैब में जांच बाद सात दिन में भरना होता है। इससे मीटर बदलने की जानकारी और पूरी तरह से बिल निगम में भरने का रिकार्ड रहता है।

----एमसीओ के पेंङ्क्षडग काम को करवाया जा रहा है। काफी हद तक एमसीओ अपलोड हो गए हैं। स्पेशल ड्राइव चलाकर यह भरवाए गए हैं।

- शत्रुजीत कपूर, सीएमडी, बिजली निगम

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