शोध किस स्तर के हुए, यह महत्वपूर्ण : डा. पुंडीर

जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अनिल कुमार पुंडीर ने कह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 09:42 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 09:42 AM (IST)
शोध किस स्तर के हुए, यह महत्वपूर्ण : डा. पुंडीर
शोध किस स्तर के हुए, यह महत्वपूर्ण : डा. पुंडीर

जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अनिल कुमार पुंडीर ने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों के आदर्श के रूप में कार्य करना चाहिए। शिक्षा एवं शोध समाज के लिए उपयोगी होने चाहिए। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि शोध कितने किए गए, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि शोध किस स्तर के किए गए। डा. अनिल कुमार पुंडीर विश्वविद्यालय के यूजीसी-मानव संसाधन विकास केन्द्र में 'इंटर डिसिप्लीनरी रिफ्रेशर कोर्स ऑन रिसर्च मैथडोलॉजी' विषय पर शुरू हुए कोर्स के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता यूजीसी-मानव संसाधन विकास केन्द्र के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी ने की।

डा. अनिल कुमार पुंडीर ने कहा कि शोधार्थियों को समाज की चुनौतियों का अध्ययन करना चाहिए। उन चुनौतियों के अनुसार ही शोध कार्य किए जाने चाहिए। शोधार्थी अपने शोध से समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने सुझाव दिया कि वर्तमान समय में शोध एक दूसरे विषय से संबंधित भी होने चाहिए। एक दूसरे विषय से संबंधित शोध समाज व राष्ट्र के लिए अधिक उपयोगी हो सकते हैं। प्रो. नीरज दिलबागी ने कहा कि यह कोर्स तीन सप्ताह तक चलेगा। जिसमें देशभर से 30 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। निदेशक पब्लिक आउटरीच प्रो. आर बास्कर व अनुराग सांगवान कोर्स को-ऑर्डिनेटर हैं। कार्यक्रम का संचालन कोर्स को-ऑर्डिनेटर अनुराग सांगवान ने किया। इस अवसर पर शिक्षक कु़लदीप ¨सह भी उपस्थित थे।

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