किराए के मकान में मिला Debit card, पत्नी को 1.03 लाख की ज्वेलरी दिलाई तो पकड़ा गया

मकान खाली करते समय संजीव की पत्नी मंजू के नाम आइसीआइसीआइ बैंक से जारी डेबिट कार्ड और उसके पिन नंबर वाला लिफाफा भूल गए थे। दूसरा किराएदार प्रीतपाल उसे लेकर चला गया और फिर चपत लगा दी

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 12:29 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 12:29 PM (IST)
किराए के मकान में मिला Debit card, पत्नी को 1.03 लाख की ज्वेलरी दिलाई तो पकड़ा गया
किराए के मकान में मिला Debit card, पत्नी को 1.03 लाख की ज्वेलरी दिलाई तो पकड़ा गया

डबवाली(सिरसा) जेएनएन। डेबिट कार्ड चोरी कर पत्नी को 1.03 लाख रुपये की ज्वेलरी दिलाने वाले करनाल के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्त प्रीतपाल कमीशन पर एयर टिकट बेचने का काम करता है। उसने सिरसा में जिस मकान में अपना दफ्तर खोला था, उसी में डेबिट कार्ड मिला था। कार्ड के साथ पिन नंबर भी था, लेकिन प्रीतपाल ने कार्ड उसके धारक को लौटाने के बजाय खुद रख लिया।

करनाल के सेक्टर 6 स्थित हाउसिंग कालोनी में रहने वाले प्रीतपाल ने सिरसा के बठिंडा चौक पर स्थित एक मकान 10 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर लिया। उस मकान में पहले डबवाली निवासी संजीव कुमार परिवार के साथ रहते थे। मकान खाली करते समय संजीव की पत्नी मंजू के नाम आइसीआइसीआइ बैंक से जारी डेबिट कार्ड और उसके पिन नंबर वाला लिफाफा भूल गए थे। प्रीतपाल उसे लेकर 21 अक्टूबर को करनाल चला गया।

22 अक्टूबर को उसने पत्नी हरप्रीत कौर के साथ एटीएम से 50 हजार रुपये निकाले और फिर करनाल के गोयल ज्वेलर्स पर जाकर डेबिट कार्ड से ही पत्नी को 1.03 लाख रुपये के ज्वेलरी दिलाई। जब शॉपिंग संबंधी मैसेज संजीव कुमार के फोन पर आया तो उन्होंने एफआइआर कराई। पुलिस ने गोयल ज्वेलर्स पर पता किया तो प्रीतपाल का नाम सामने आया।

इसके बाद प्रीतपाल और उसकी पत्नी हरप्रीत कौर को गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने हरप्रीत कौर को तो जेल भेज दिया, लेकिन प्रीतपाल को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। रिमांड के दौरान पुलिस ने प्रीतपाल से एक लाख रुपये की रिकवरी कर ली, डेबिट कार्ड उसने फेंक दिया था। बुधवार को प्रीतपाल को फिर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

तीन साल लिफाफे में बंद रहा कार्ड

जिस डेबिट कार्ड को प्रीतपाल ले गया था, वह सन 2016 में जारी हुआ था। संजीव के परिवार ने कार्ड का लिफाफा तक नहीं खोला था। एकाउंट में करीब साढ़े 8 लाख रुपये थे। मैसेज अलर्ट न मिलता तो प्रीतपाल को पकडऩा भी मुश्किल होता।

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