हरियाणा में डिप्थीरिया का खतरा, अलर्ट जारी, जानें क्‍या है बीमारी और नुकसान

दिल्ली में अभी तक डिप्थीरिया के 250 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। चूंकि यह संक्रामक रोग है। इसलिए इसका वायरस हरियाणा में भी आ सकता है। स्वास्थ्य विभाग तैयारी में जुटा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 01:24 PM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 09:12 AM (IST)
हरियाणा में डिप्थीरिया का खतरा, अलर्ट जारी, जानें क्‍या है बीमारी और नुकसान
हरियाणा में डिप्थीरिया का खतरा, अलर्ट जारी, जानें क्‍या है बीमारी और नुकसान

हिसार [वैभव शर्मा] दो से चार वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में डिप्थीरिया बीमारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश के आसपास के राज्यों में इस बीमारी से जुड़े मामले में प्रकाश में आ रहे हैं। इसको लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य निदेशालय से सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों को अलर्ट जारी किया गया है। निर्देश दिए गए हैं कि डिप्थीरिया वायरस न फैल पाए, इसके लिए प्रशासन पहले से ही तैयारी कर ले। जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी व पीएचसी तक में एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।

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क्या है डिप्थीरिया बीमारी

आमतौर पर डिप्थीरिया बीमारी बच्चों में होती है। यह एक प्रकार से संक्रामक रोग है। चिकित्सकों के मुताबिक कॉरीनेबैक्टेरियम बैक्टीरिया के इंफेक्शन से यह बीमारी होती है। गले से इन्फेक्शन शुरू होता है और सांस नली तक फैल जाता है। इसमें सांस की नली में एक झिल्ली बन जाती है जो पीडि़त को सांस लेने में काफी तकलीफ देती है। अगर इस पर जल्द नियंत्रण नहीं किया जाए तो इससे निकलने वाला तरल खून में मिलकर दिमाग और दिल तक जा सकता है और यह पीडि़त की जान तक ले सकता है।

दिल्ली में अब तक 250 से अधिक मामले आ चुके

दिल्ली में अभी तक डिप्थीरिया के 250 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। चूंकि यह संक्रामक रोग है। इसलिए इसका वायरस हरियाणा में भी आ सकता है। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग पहले से ही तैयारी में जुट गया है।

बच्चों में यह दिखें लक्षण तो हो जाएं अलर्ट

गर्दन में सूजन, ठंड महसूस होना

सांस लेने में दिक्कत

बुखार, गले में खराश, खांसी, गले और नाक में कोई तकलीफ

यह करें उपाय

-डिप्थीरिया बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण उपाय है।

-नियमित टीकाकरण में डीपीटी (डिप्थीरिया, परटूसस काली खांसी और टिटनेस) का टीका लगाया जाता है।

- एक साल के बच्चे को डीपीटी के तीन टीके लगते हैं। इसके बाद डेढ़ साल पर चौथा टीका और चार साल की उम्र पर पांचवां टीका लगता है।

--स्वास्थ्य निदेशालय के निर्देश पर हमने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। डिप्थीरिया के मामले अगर सामने आए तो किस प्रकार से एक्शन लिया जाएगा, इसकी तैयारी हम कर रहे हैं।

अशोक कुमार मीणा, उपायुक्त, हिसार।

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