महिला को कोठे पर बेचा, हैवानियत से की हत्‍या, आठ दोषी, चार काे सुनाई उम्रकैद

खरकड़ा नहर में सितंबर 2017 में एक महिला का शव मिला था। चौकीदार जगदीश ने मामला दर्ज कराया था। मृतका के आधार कार्ड में उसकी पहचान पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद निवासी के तौर पर हुई थी

By manoj kumarEdited By: Publish:Sun, 07 Apr 2019 12:06 PM (IST) Updated:Sun, 07 Apr 2019 12:06 PM (IST)
महिला को कोठे पर बेचा, हैवानियत से की हत्‍या, आठ दोषी, चार काे सुनाई उम्रकैद
महिला को कोठे पर बेचा, हैवानियत से की हत्‍या, आठ दोषी, चार काे सुनाई उम्रकैद

रोहतक, जेएनएन। पश्चिम बंगाल की महिला को कोठे पर बेचने और उसके साथ हैवानियत कर हत्या के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने आठ लोगों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने रोहित, अमित, अजीत और दूसरे आरोपित अमित को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि जयबीर, सुनील, माया और बीरमति को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने बयान से मुकरने वाली उसकी सहेली के खिलाफ कार्रवाई करने और मृतका के बेटे की तलाश कर मुआवजा देने के लिए भी सिफारिश की है। हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में महिला के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो सकी थी।

महम थाना क्षेत्र की खरकड़ा नहर में सितंबर 2017 में एक महिला का शव मिला था। चौकीदार जगदीश ने थाने में यह मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें उसके सिर में गोली लगने की पुष्टि हुई। मृतका की जेब से मिले आधार कार्ड में उसकी पहचान पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद की रहने वाली के तौर पर हुई। महिला घटना के समय दिल्ली में रह रही थी, जो रोजगार की तलाश में आयी थी। उधर, परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। उसका एक रिश्तेदार दिल्ली में रहता था, जिसने बताया कि वह अपनी एक सहेली के साथ किराए पर रहती थी। यदि उससे पूछताछ की जाए तो कहानी सामने आ जाएगी।

सहेली ने यह दिया था बयान

पुलिस ने महिला की सहेली की तलाश की, जिसमें उसने बयान दिया कि 7 सितंबर को उसे और उसकी सहेली को सुनील नाम का युवक रोहतक लेकर आया था। वहां से गोहाना लेकर गए, जहां गोहाना की रहने वाली बीरमति, माया और जयबीर के पास छोड़ दिया। बीरमति व उसके साथी पीडि़ताओं के साथ ग्राहकों से दुष्कर्म कराते थे। अगले दिन महिला को रोहित, अमित, अजीत और अमित के साथ भेज दिया गया था, जो दोबारा वापस नहीं आई। अमित ने आकर उन्हें बताया था कि उसने महिला की गोली मारकर हत्या कर दी है। हालांकि इसी बीच महिला की सहेली भी उनके चंगुल से निकलकर भाग गई।

ये दो सुबूत बने आधार

पूरे प्रकरण में मृतका की सहेली के बयान महत्वपूर्ण थे। हालांकि कोर्ट में गवाही के दौरान वह बयान से मुकर गई थी। इसके पुलिस ने उस पिस्तौल और गोली को फोरेंसिक लैब में भेजा, जो पोस्टमार्टम के समय मृतका के सिर में मिली थी। लैब में स्पष्ट हो गया था कि मृतका के सिर में मिली गोली उसी पिस्तौल से चली है, जो दोषी से बरामद हुई है। जब महिला को रोहित, अमित, अजीत और अमित के साथ भेजा था उस समय बीरमति ने रोहित का ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस आइडी के तौर पर अपने पास रख लिया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि रोहित और उसके साथी ही महिला को अपने साथ लेकर गए थे।

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