रिश्तेदारों के यहां फंसे शहरवासी, हड़ताल में तेजी से शामिल हो रहे कर्मचारी

रोडवेज की हड़ताल का असर शहरवासियों पर साफ तौर पर दिख रह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Oct 2018 11:55 AM (IST) Updated:Sat, 20 Oct 2018 11:55 AM (IST)
रिश्तेदारों के यहां फंसे शहरवासी, हड़ताल में तेजी से शामिल हो रहे कर्मचारी
रिश्तेदारों के यहां फंसे शहरवासी, हड़ताल में तेजी से शामिल हो रहे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, हिसार : रोडवेज की हड़ताल का असर शहरवासियों पर साफ तौर पर दिख रहा है। अपने परिचितों घर गए लोग फंस गए है। अब उनको हिसार की बस नहीं मिलने से वह नहीं आ पा रहे हैं। वहीं, हड़ताल के दौरान ड्यूटी पर चल रहे कर्मचारी भी उनके साथ शामिल होने लगे है। शुक्रवार को ड्यूटी दे रहे आधे कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। अब रोडवेज का कोई भी चालक पर ड्यूटी पर नहीं है। तीन कंडक्टर को छोड़ कर 193 हड़ताल पर हैं।

पीएलए निवासी शांता रानी अपनी बेटी के घर करनाल गई थी। हड़ताल खत्म होने से पहले गई शांता रानी को मंगलवार को वापस आना था। मगर दो दिन की हड़ताल होने के कारण वह फंस गई। रोडवेज कर्मचारियों ने दोबारा से हड़ताल बढ़ाने के बाद वह अभी तक वहीं फंसी हुई है। सरकार की तरफ से लंबी दूरी की बसें नहीं चलने के कारण वह नहीं अब अपनी बेटी के घर पर है। शांता रानी ने बताया कि हड़ताल के कारण सीधी बस नहीं मिल रही है। हड़ताल में लगातार शामिल हो रहे कर्मचारी

रोडवेज के पास हड़ताल के दौरान ड्यूटी दे रहे कर्मचारी भी हड़ताल पर जाने लगे है। इससे रोडवेज की मुश्किल बढ़ गई है। रोडवेज में 352 ड्राइवर और 196 कंडक्टर है। मगर तीन कंडक्टर को छोड़ कर बाकी सभी कर्मचारी हड़ताल पर है। इसमें भी ड्यूटी दे रहे एक कर्मचारी ने शनिवार को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। शुक्रवार को भी ड्यूटी में आधे कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। कुछ चु¨नदा कर्मचारियों को छोड़ कर दूसरे विभागों के 23 ड्राइवर, अप्रेंटिस युवाओं से काम चलाया जा रहा है। दूसरे राज्यो में नहीं जा रहे निजी बसें

रोडवेज की हड़ताल के चलते बेशक निजी बसों को चला दिया गया लेकिन दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ आम आदमी उसमें नहीं जा सकेगा। उसमें हरियाणा बॉर्डर से बस बदलनी पड़ेगी। कारण है दूसरे राज्यों में सिर्फ रोडवेज बस को ही ले जाया जा सकता है जिसका उसको परमिट मिलता है। वहीं राजस्थान और पंजाब की बसें आने से कुछ यात्रियों को उसका फायदा मिला है। वह बसें भर कर चल रही है।

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