पन्ना प्रमुख को केंद्र में रखकर लोकसभा का चुनावी चक्रव्यूह तैयार करेगी भाजपा

जनाधार बढ़ाने के साथ ही एक-एक वोटर से वोट डलवाने तक का जिम्मा पन्ना प्रमुख निभाएंगे। पन्ना प्रमुख के जिम्मे 15 परिवार होंगे। ये भाजपा और गैर भाजपा मतदाताओं का ब्योरा तैयार करेंगे

By manoj kumarEdited By: Publish:Sun, 10 Mar 2019 01:07 PM (IST) Updated:Sun, 10 Mar 2019 01:07 PM (IST)
पन्ना प्रमुख को केंद्र में रखकर लोकसभा का चुनावी चक्रव्यूह तैयार करेगी भाजपा
पन्ना प्रमुख को केंद्र में रखकर लोकसभा का चुनावी चक्रव्यूह तैयार करेगी भाजपा

रोहतक, जेएनएन। फिर एक बार, मोदी सरकार के नारे के साथ भाजपा ने संगठन की सबसे छोटी इकाई पन्ना प्रमुख के दम पर हरियाणा में मिशन-10 की चुनावी रणनीति बनाई है। वह इस इकाई से चुनावी चक्रव्यूह रचकर विरोधी दलों को शिकस्त देने के लिए मैदान में उतरेगी।

प्रदेश की राजनीतिक राजधानी कहे जाने वाले रोहतक में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए पन्ना प्रमुख बनाने का अहम निर्णय लिया गया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में हुई बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन, प्रदेश के लोकसभा प्रभारी कलराज मिश्र, केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और प्रदेश संगठन मंत्री सुरेश ने पन्ना प्रमुख की मजबूती पर ही फोकस रखा और तत्काल इस कार्य में जुट जाने का आह्वान किया।

जानिये क्या है पन्ना प्रमुख

पार्टी का जनाधार बढ़ाने के साथ ही एक-एक वोटर से वोट डलवाने तक का जिम्मा पन्ना प्रमुख निभाएंगे। एक पन्ना प्रमुख के जिम्मे 15 परिवार होंगे। ये भाजपा और गैर भाजपा मतदाताओं का भी ब्योरा तैयार करेंगे। सभी पन्ना प्रमुख हर हाल में 20 मार्च तक बनाए जाएंगे। पन्ना प्रमुख का मतलब मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) में एक पन्ने में आगे पीछे मिलाकर करीब 60 वोटर यानी करीब 15 परिवार होते हैं। बूथ समिति के कार्यकर्ता, जोकि मौजूदा समय से लेकर वोटिंग वाले दिन तक 15-15 परिवारों से तीन-तीन बार संपर्क करेंगे। यही कार्यकर्ता पन्ना प्रमुख कहलाएंगे। जबकि एक वोटर लिस्ट में 15 से 20 पन्ने होते हैं, इसलिए एक बूथ पर 10 से 20 तक पन्ना प्रमुख बनाए जाएंगे। प्रत्येक पन्ने का पन्ना क्रमांक डालकर पन्ना प्रमुख नाम, पता, टेलीफोन नंबर सहित अन्य जानकारी का प्रपत्र में भरेगा। केंद्र या फिर राज्य सरकार की किसी भी योजना का लाभ पाने वाले परिवारों का ब्योरा तैयार किया जाएगा। ऐसे परिवारों को जोड़ा जाएगा, सरकार की उपलब्धियां बताई जाएंगी।

विदेश में रहने वाले रिश्‍तेदारों से साधेंगे संपर्क

मतदान से पहले संबंधित घरों में यही पन्ना प्रमुख पर्ची पहुचाएंगे। बाहरी राज्यों, दूसरे जिलों या फिर विदेश, रिश्तेदारी में रहने वालों से भी संपर्क किया जाएगा। पन्ना प्रमुख यह भी कोशिश करेंगे कि बाहर रहने वाले मतदाताओं को मतदान वाले दिन बुलवाने की भी व्यवस्था की जाए। परिवारों में पार्टी का झंडा लगवाना और मेरा परिवार-भाजपा परिवार का स्टीकर भी यही लगवाएंगे। पन्ने के 15 परिवारों के वोट शत-प्रतिशत भाजपा को पड़ें, इसके लिए भी पन्ना प्रमुख  प्रयास करेंगे।

पार्टी का खजाना भरेंगे पदाधिकारी

भाजपा संगठन को आर्थिक रूप से भी मजबूत करने की रणनीति तैयार कर रही है। इसके लिए निधि समर्पण योजना शुरू की गई है, जो 12 मार्च तक चलेगी। इसके तहत दो-तीन विधानसभाओं वाले जिलों को 20 से 25 हजार लोगों के बीच पहुंचकर चंदा इकट्ठा करना होगा, जबकि बड़े जिलों, जिनमें छह से सात विधानसभाएं होंगी, उन्हें 40 से 50 हजार लोगों के बीच पहुंचकर चंदा इकट्ठा करना होगा। चंदे की रकम चेक से ली जाएगी। 20 हजार रुपये से अधिक रकम होने पर पैन नंबर भी साथ देना होगा। निधि समर्पण योजना की कमेटी में नरेंद्र गुप्ता, विधायक ज्ञानचंद्र गुप्ता और गुलशन भाटिया को जिम्मा सौंपा गया है।

यह रहेंगे चुनावी मुद्दे

1. मोदी नहीं तो कौन.., मोदी ही क्यों?

देश का ऐसा वातावरण था कि लोग कहने लगे थे कि मोदी नहीं तो कौन.. और मोदी क्यों? लेकिन अब वातावरण बदल गया है। अब तो लोग कहने लगे हैैं कि फिर एक बार, मोदी सरकार।

2. केंद्र व प्रदेश की योजनाएं

केंद्र व प्रदेश सरकार ने 100 से अधिक योजनाएं लागू की, उनको क्रियांवित किया और लोगों को योजना का लाभ भी दिया गया। केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को लेकर लोगों के बीच वोट मांगने जाएंगे। आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं लागू की है, जिससे देश के लाखों लोगों को फायदा हुआ है।

3. देश की सुरक्षा का मुद्दा

देश की बाहरी व आंतरिक सुरक्षा का मुद्दा भी अहम होगा। पहले कागजों में ही जवाब मांगा जाता था। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आंतरिक व बाहरी सुरक्षा को मजबूत करने का काम किया। उरी और पुलवामा में आतंकी हमले के बाद जो जवाब दिया, उसे पूरे देश ने देखा। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को खुली छूट भी दी।

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