बहादुरगढ़ में सिविल अस्‍पताल के शौचालय में हुआ बच्चे का जन्म, परिवार ने किया हंगामा

शौचालय में रेखा ने लड़के को जन्म दिया। उसके पति संजय ने बताया कि बच्चा कई मिनटों तक शौचालय के फर्श पर ही रहा। उसकी मां सफाई कर्मी को लेकर आई तब बच्चे को वहां से उठाया गया। इस स्थिति में उसके बच्चे को खतरा हो सकता था।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 12:33 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 12:33 PM (IST)
बहादुरगढ़ में सिविल अस्‍पताल के शौचालय में हुआ बच्चे का जन्म, परिवार ने किया हंगामा
बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में प्रसूति गृह के बाहर रोष जताते महिला के स्वजन

बहादुरगढ़, जेएनएन। शहर के सिविल अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी को लेकर स्टाफ पर लापरवाही का आरोप है। वीरवार सुबह इस महिला ने प्रसूति गृह के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद महिला स्वजनों ने हंगामा किया। उन्होंने लापरवाही बतरने वाले स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की है। आसौदा गांव से महिला रेखा पत्नी संजय को अलसुबह करीब चार बजे डिलीवरी के लिए सिविल अस्पताल में लाया गया था। उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी। आरोप है कि प्रसूति गृह में गर्भवती को नहीं संभाला गया।

उसे जब उसकी सास रामरति लघुशंका के लिए लेकर गई तो वहीं पर उसकी पीड़ा इतनी बढ़ी कि वह बाहर नहीं निकल पाई और वहीं पर बच्चे को जन्म दिया। परिवार के लोगों में गुस्सा तब भड़का जब शौचालय में डिलीवरी के बाद भी महिला को संभालने में देर हुई। हालांकि फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों ठीक है।

बच्चे की जान को हो सकता था खतरा

रेखा ने लड़के को जन्म दिया। उसके पति संजय ने बताया कि बच्चा कई मिनटों तक शौचालय के फर्श पर ही रहा। उसकी मां सफाई कर्मी को लेकर आई तब बच्चे को वहां से उठाया गया। इस स्थिति में उसके बच्चे को खतरा हो सकता था। संजय ने बताया कि उनके साथ कानौंदा पीएचसी में भी ऐसा ही हुआ। वहां पर तो एंबुलेंस चालक हार्न बजाता रहा। कई देर बाद मुश्किल से दरवाजा खोला। वहां पर डिलीवरी करवाने के लिए कोई नहीं था। इसके बाद वे सिविल अस्पताल में आए। इधर, आशा वर्कर सुनीता ने भी सिविल अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को सिरे से खारिज किया

सिविल अस्पताल की एसएमओ डा. सुमन कोहली का कहना है कि डिलीवरी में स्टाफ पर लापरवाही का आरोप बेबुनियाद है। जब महिला को डिलीवरी के लिए लाया गया, तब भी आवश्यक जांच हुई। बाद में सुबह सात बजे भी डाक्टर ने उसका चेकअप किया। जब प्रसव पीड़ा बढ़ी हुई थी तब महिला को लघुशंका के लिए जाने से मना किया गया था। मगर स्टाफ जब दूसरी महिलाओं को संभालने में जुटा था, तब महिला रेखा को शौचालय में ले जाया गया। इसका पता लगने पर महिला को संभाला गया। जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं।

chat bot
आपका साथी