वर्ष 2041 की आबादी को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा वाटर प्लान

जिले में वर्ष 2041 की आबादी को ध्यान में रखते हुए वाटर प्लान बनाया जाएगा। इसे लेकर उपायुक्त डा. यश गर्ग ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jan 2022 06:48 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jan 2022 06:48 PM (IST)
वर्ष 2041 की आबादी को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा वाटर प्लान
वर्ष 2041 की आबादी को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा वाटर प्लान

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिले में वर्ष 2041 की आबादी को ध्यान में रखते हुए वाटर प्लान बनाया जाएगा। इसे लेकर उपायुक्त डा. यश गर्ग ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान प्लान तैयार करने को लेकर विभिन्न विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए। ये सभी नोडल अधिकारी आने वाली 31 जनवरी तक जिले से पानी की मौजूदा डिमांड और सप्लाई सहित अन्य संसाधनों की विस्तृत रिपोर्ट गुरुजल सोसाइटी को सौपेंगे। इसके बाद सोसायटी द्वारा सभी रिपोर्ट का अध्ययन और विचार-विमर्श के बाद फाइनल प्लान बनाकर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एचडब्ल्यूआरए) के पास भेजा जाएगा।

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि जिले में गिरता भूजल स्तर चिता का विषय है। जितना पानी रिचार्ज होता है उस से दोगुनी मात्रा में पानी बर्बाद भी हो रहा है। ऐसे में जिले में पानी की मांग और जनसंख्या के बढ़ते दबाव को देखते हुए वर्ष 2041 के जनसंख्या मानकों को आधार मानते हुए जिले में वाटर प्लान बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिदुओं पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जिले में हमें बारिश के पानी को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में बचाकर उसे भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए व्यापक स्तर पर काम करने की जरूरत है।

इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में ग्राउंड वाटर स्त्रोत पर निर्भरता को कम करते हुए ट्रीटेड वेस्ट वाटर का इस्तेमाल करने पर जोर देने की आवश्यकता है। जिले में ग्राउंड वाटर का करीब 53 प्रतिशत भाग खेतीबाड़ी के काम में इस्तेमाल में लाया जाता है। ऐसे में किसानों को जागरूक कर उन्हें माइक्रो तथा ड्रिप इरिगेशन की ओर मोड़ा जाएगा। वहीं जिले में ट्रीटेड वेस्ट वाटर की सप्लाई लाइन को भी बढ़ाने की जरूरत है। वर्ष 2041 का लक्ष्य रखते हुए यह भी तय करना होगा कि जिले में कहां-कहां पर माइक्रो एसटीपी बनाने की आवश्यकता है और साथ ही ड्यूल वाटर सिस्टम का कहां तक विस्तार किया जा सकता है।

उपायुक्त ने कहा कि नोडल अधिकारियों से डेटा मिलने के बाद फरवरी के पहले सप्ताह में उसका आकलन किया जाएगा। उसके बाद फरवरी के अंत तक डेटा के आधार पर प्रस्ताव और प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा। मार्च के पहले सप्ताह में प्लान को अंतिम रूप देकर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एचडब्ल्यूआरए) के पास भेज दिया जाएगा।

बैठक में सिचाई तथा जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता डा. शिव सिंह रावत ने वाटर प्लान बनाने के उद्देश्यों के बारे में प्रजेंटेशन भी दिया। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, जिला परिषद की सीईओ अनु श्योकंद, जिला विकास तथा पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। इन्हें मिली नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी

नगर निगम गुरुग्राम में इंफ्रा टू के अधीक्षक अभियंता, नगर निगम मानेसर में अधीक्षक अभियंता, जिला विकास तथा पंचायत अधिकारी, अधीक्षक अभियंता पब्लिक हेल्थ, उप निदेशक कृषि विभाग, हाइड्रोलाजिस्ट, एसडीओ मिकाडा और प्रिसिपल साइंटिस्ट हरसेक।

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