पेमेंट नहीं मिलने पर वेंडर ठेकेदारों ने जंतर-मंतर पर दिया धरना

कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के मानेसर से कुंडली के हिस्से के निर्माण कार्य में कार्य करने वाले वेंडर ठेकेदारों ने रविवार से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। ठेकेदार बारह दिन से केएमपी एक्सप्रेस-वे स्थित मानेसर टोल प्लाजा के पास धरना दे रहे थे। वहां पर सीएम के ओसडी ने पहुंचकर पंद्रह दिन के अंदर रकम दिलाने का दावा किया था। ठेकेदारों का कहना है कि उन्होंने अपनी पूंजी को केएमपी एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य मे लगा दिया। अब उनकी पेमेंट नहीं हो रही है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Jan 2019 06:36 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jan 2019 06:36 PM (IST)
पेमेंट नहीं मिलने पर वेंडर ठेकेदारों ने जंतर-मंतर पर दिया धरना
पेमेंट नहीं मिलने पर वेंडर ठेकेदारों ने जंतर-मंतर पर दिया धरना

जागरण संवाददाता, मानेसर: कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के मानेसर से कुंडली के हिस्से के निर्माण में कार्य करने वाले वेंडर ठेकेदारों ने रविवार से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। ठेकेदार बारह दिन से केएमपी एक्सप्रेस-वे स्थित मानेसर टोल प्लाजा के पास धरना दे रहे थे। वहां पर सीएम के ओएसडी ने पहुंचकर पंद्रह दिन के अंदर रकम दिलाने का दावा किया था।

ठेकेदारों का कहना है कि उन्होंने अपनी पूंजी को केएमपी एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य मे लगा दिया। अब उनकी पेमेंट नहीं हो रही है। हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) के अधिकारियों को भी इस बारे में शिकायत दी जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। करीब 60 ठेकेदारों ने केएमपी एक्सप्रेस-वे पर धरना दिया था कोई सुनवाई नहीं होने पर जंतर मंतर पर धरना शुरू कर दिया गया है।

ठेकेदारों ने बताया कि करीब ढाई सौ करोड़ रुपये की पेमेंट फंसी हुई है। मुख्यमंत्री से भी मांग की गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, केवल आश्वासन ही मिला। ठेकेदारों दिनेश, योगेश, उमेश, ओपी यादव, पवन जैन, समुंदर ¨सह, रमेश पहलवान, नरेंद्र राघव, एसके मेहता, नरेश ¨सह, राकेश, धर्मबीर ¨सह ने एस्सेल ग्रुप के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। ठेकेदारों ने बताया कि जब केएमपी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन हुआ तो एस्सेल ग्रुप के अधिकारियों की तरफ से कहा गया की जल्दी से इसे पूरा किया जाए भले ही अधिक पैसा लग जाए। अब जो खर्च हुआ है उसका भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।

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