नाटकों से दी नीरस जिदगी को रोमांचक बनाने की सीख

सुशांत लोक स्थित त्रिखा थियेटर एकेडमी में अज्ञात प्रेमिका नाटक का मंचन किया गया। विभिन्न नाटकों के माध्यम से नीरस जिदगी को रोमांचक बनाने के लिए कलाकारों ने प्रस्तुति दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Aug 2019 06:21 PM (IST) Updated:Thu, 29 Aug 2019 06:21 PM (IST)
नाटकों से दी नीरस जिदगी को रोमांचक बनाने की सीख
नाटकों से दी नीरस जिदगी को रोमांचक बनाने की सीख

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आज की भागदौड़ भरी जिदगी में हर कोई परेशान है। जिदगी में खुशियों से ज्यादा निराशा व नीरसता आ गई है। ऐसे में कुछ तो हो, जिससे कि जिदगी आसान बन जाए और रोमांचित हो जाए। इसी उद्देश्य से सुशांत लोक स्थित त्रिखा थियेटर एकेडमी में बेहतर और सुकून भरी जिदगी, अधिकार और मानवीय संवेदनाओं पर आधारित नाटकों की प्रस्तुति दी गई।

इस मौके पर हरियाणा कला परिषद के क्षेत्रीय निदेशक महेश जोशी मुख्य अतिथि, सेवानिवृत्त आइपीएस ऑफिसर अनिल धवन विशिष्ट अतिथि रहे। मंच संचालन नेहा गौड़ ने किया। त्रिखा थियेटर एकेडमी के निदेशक विश्वदीपक त्रिखा ने बताया कि अविघ्न थियेटर ग्रुप के गुलदस्ता कार्यक्रम में तीन लघु नाटक प्रस्तुत किए गए। इसमें दो नाटक अज्ञात प्रेमिका व रीढ़ पर आधारित थे और तीसरा नाटक मराठी साहित्यकार वपु काव्ठे की रचनाओं पर आधारित पप्पा था। अज्ञात प्रेमिका की कहानी नीरस जिदगी को रोमांचक बनाने के जोड़-तोड़ से उपजती हास्य से युक्त स्थितियों का म्यूजिकल चित्रण था। आधे घंटे के इस नाटक में लोगों को हंसाने के साथ कई संदेश भी दिए गए। इसके निर्माता किशोर निशीत और सुहासिनी दिघे हैं।

दूसरे नाटक रीढ़ की कहानी के जरिए लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की सीख दी। रोहित तिवारी और डॉ. पारुल प्रिजा इसके अहम किरदार थे। तीसरा नाटक पप्पा था। यह चुप्पी से उजागर हुई मानवीय संवेदनाओं के पीछे के कारणों की गुत्थी को सुलझाती एक मर्म स्पर्शी प्रस्तुति थी। सुहासिनी दिघे, संदीप जोशी और तेजस के अभिनय ने इस नाटक में जान डाल दी। इस मौके पर एकेडमी से युवराज शर्मा, अर्जुन वशिष्ठ, मोहन कांत, हर्षवर्धन, नवनीत कापुर, डॉ. तरुण शेर सिंह, सीआर बिश्नोई, जॉली टुल्ली, कुलदीप, संजय शर्मा, जतिन यादव और कर्नल जेके सिंह उपस्थित रहे।

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