Benefits of Cycling: फिटनेस के लिए लोग कर रहे साइक्लिंग, छोटों से लेकर बड़ों तक में बढ़ा क्रेज

साइक्लिंग करते हुए बच्चों से लेकर बड़ों और यहां तक कि बुजुर्गों को भी सड़कों पर देखा जा सकता है। सुबह और शाम होते ही सड़कों पर साइकिलें दौड़ती नजर आ जाती हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 12:32 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 05:07 PM (IST)
Benefits of Cycling: फिटनेस के लिए लोग कर रहे साइक्लिंग, छोटों से लेकर बड़ों तक में बढ़ा क्रेज
Benefits of Cycling: फिटनेस के लिए लोग कर रहे साइक्लिंग, छोटों से लेकर बड़ों तक में बढ़ा क्रेज

गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। वर्क फ्रॉम होम हो या फिर ऑनलाइन कक्षाओं के इस दौर में लोगों को सुबह शाम का वक्त मिलने लगा है। बीमारियों की आशंकाओं के बीच लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता का संचार हुआ है। ऐसे में इन दिनों नया फिटनेस और वेलनेस ट्रेंड का रूप से ले रही साइक्लिंग। लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर साइक्लिंग करते हुए सुबह-शाम दिख जाते हैं। ऐसे में प्रदूषण में भी कमी देखने को मिल रही है और लोगों के स्वास्थ्य में बेहतरी।

हर आयु वर्ग के साइकिलिस्ट

साइक्लिंग करते हुए बच्चों से लेकर बड़ों और यहां तक कि बुजुर्गों को भी सड़कों पर देखा जा सकता है। सुबह और शाम होते ही सड़कों पर साइकिलें दौड़ती नजर आ जाती हैं। साइकिलिस्ट अमन जौहर का कहना है कि उनके पास साइकिल बहुत पहले से थी लेकिन तब उन्हें समय नहीं मिलता था। अब वक्त मिलता है तो वे दोनों समय एक-एक घंटे साइकिलिंग करते हैं।

नहीं मिल रही हैं मनपसंद साइकिलें

लोगों का साइक्लिंग के प्रति रुझान इतना बढ़ा कि शहर में साइकिलों की खपत बढ़ गई है। ऐसे में लोगों को उनके पसंद की साइकिलें नहीं मिल पा रही हैं। आइटी कंपनीकर्मी संतोष सिंह का कहना है कि उन्हें साइकिल न मिलने पर उसकी बुकिंग करवानी पड़ी है जो कि एक महीने बाद ही मिलने की उम्मीद है। उनका कहना है कि वे इस समय अपनी पुरानी साइकिल को उपयोग में ला रहे हैं। साइक्लिस्ट बंटी अग्रवाल का कहना है कि वे लोगों को चालते देखते हैं तो उन्हें साइकिल चलाने का मन करता है लेकिन उन्हें मार्केट में साइकिल ही नहीं मिल रही है। ऐसे में वे दोस्त की साइकिल लेकर रात में साइकिलिंग करते हैं।

साइक्लिस्ट पवन यादव का कहना है कि साइक्लिंग ने शहर की फिजा बदलकर रख दी है। साइक्लिंग का रोमांच और इसके लाभ लोगों को दोगुना उत्साह दे रहे हैं। धावक मनु कालरा का कहना है कि साइकिलिंग लोगों को फिट बना रही है। ऐसे ही चलता रहा तो निश्चित रूप से शहर का प्रदूषण भी कम होगा और लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। साइकिल एजेंसी के सालक धीरज का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद साइकिलोंं की मांग में सत्तर प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। इसमें बच्चों की साइकिलें सबसे अधिक पसंद की जा रही हैं।

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