आयुध डिपो के तीन सौ मीटर की जद में आने वाली इंडस्ट्री पर संकट!

यशलोक ¨सह, गुरुग्राम : आयुध डिपो के 300 मीटर प्रतिबंधित दायरे में आने वाली प्रॉपर्टी में अब

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Apr 2018 07:37 PM (IST) Updated:Sun, 29 Apr 2018 07:37 PM (IST)
आयुध डिपो के तीन सौ मीटर की जद में आने वाली इंडस्ट्री पर संकट!
आयुध डिपो के तीन सौ मीटर की जद में आने वाली इंडस्ट्री पर संकट!

यशलोक ¨सह, गुरुग्राम

आयुध डिपो के 300 मीटर प्रतिबंधित दायरे में आने वाली प्रॉपर्टी में अब औद्योगिक यूनिटों का भी नाम जुड़ गया है। इन पर किसी भी समय सरकारी बुलडोजर चलने का अंदेशा गहरा गया है। यही बात साइबर सिटी के उद्योग जगत को परेशान कर रही है। जो उद्योग तीन सौ मीटर के दायरे में आते हैं उनके प्रबंधन को जिला प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस प्राप्त होते ही प्रबंधन के पांवों तले जमीन खिसक गई है। उद्यमियों का कहना है कि उन्हें सरकार ने यह इंडस्ट्रियल प्लाट दिया है, इसमें उनका क्या दोष है। उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इंडस्ट्री को राहत दिलाने के लिए अपना पक्ष रखना चाहिए।

जो औद्योगिक यूनिट आयुध डिपो के तीन सौ मीटर प्रतिबंधित दायरे में आते हैं उनमें इंडो निपोन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, माइक्रो डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड, टपरवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और पास्को ऑटोमोबाइल के नाम शामिल हैं। यह सभी यूनिटें सेक्टर-18 में स्थित हैं। जो पिछले कई सालों से अपना काम यहां निर्बाध रूप से कर रही हैं। इन औद्योगिक यूनिटों में हजारों लोगों को जॉब मिला हुआ है। प्रशासन ने इन्हें यह नोटिस नगर निगम के सर्वे से निकले नतीजे के अधार पर दिया है। नगर निगम ने पाया है कि यह औद्योगिक यूनिटें आयुध डिपो के तीन सौ मीटर प्रतिबंधित के क्षेत्र में हैं।

जिला प्रशासन की ओर से जारी नोटिस में प्रभावित औद्योगिक यूनिटों के प्रबंधन से कहा गया है कि वह इस मामले में 15 मई तक अपने दावे और शिकायत दर्ज करा सकते हैं। वह अपनी शिकायत लघु सचिवालय स्थित डीआरए ब्रांच रूम नंबर 214 में दर्ज करा सकते हैं। यह काम वह गुरुग्राम डॉट गॉव डॉट इन वेबसाइट पर ऑनलाइन भी कर सकते हैं।

इस संबंध में गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन(जीआइए) के अध्यक्ष जेएन मंगला का कहना है कि आज जिन उद्योगों को आयुध डिपो के प्रतिबंधित एरिया में होने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है उन्हें प्रदेश सरकार ने ही बसाया है। ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखें।

वहीं, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीन यादव का कहना है कि नोटिस जारी होने बाद से उद्योग जगत ¨चतित है। उनका कहना है कि अगर तोड़फोड़ होती है तो इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगेगा।

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