हम उस मरीज को बचाने में कामयाब रहे, जिसे एक मिनट में पंद्रह लीटर आक्सीजन दी गई: डा. नवीन

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जो भी मरीज इलाज के लिए अस्पताल आया है वह गंभीर बीमार स्थिति में पहुंचा है। उस मरीज को बचाना डाक्टर के लिए बड़ा संघर्ष रहा है। मरीज बीमारी से लड़ता रहा है लेकिन मरीज से अधिक डाक्टर को मरीज की बीमारी से लड़ना पड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 08:33 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 08:33 PM (IST)
हम उस मरीज को बचाने में कामयाब रहे, जिसे एक मिनट में पंद्रह लीटर आक्सीजन दी गई: डा. नवीन
हम उस मरीज को बचाने में कामयाब रहे, जिसे एक मिनट में पंद्रह लीटर आक्सीजन दी गई: डा. नवीन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जो भी मरीज इलाज के लिए अस्पताल आया है वह गंभीर बीमार स्थिति में पहुंचा है। उस मरीज को बचाना डाक्टर के लिए बड़ा संघर्ष रहा है। मरीज बीमारी से लड़ता रहा है लेकिन मरीज से अधिक डाक्टर को मरीज की बीमारी से लड़ना पड़ा है। कुछ ऐसे मरीज थे जिन्हें आक्सीजन का स्तर और दवा को लेकर हर घंटे की स्थिति जाना डाक्टर के लिए जरूरी था। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ फिजिशियन डाक्टर नवीन कुमार का कहना है कि 45 वर्षीय विक्की नाम का मरीज ऐसा आया जिस को एक मिनट में पंद्रह लीटर आक्सीजन देनी पड़ रही थी। इस मरीज के स्वस्थ होने का कारण यही था कि उसे जरूरत के हिसाब से आक्सीजन दी गई।

मरीज का सीटी स्कोर 21 था। सबसे बड़ा चैलेंज था कि आक्सीजन का स्तर बहुत ही कम होने के कारण इलाज करना। डाक्टर नवीन का कहना है कि इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि करीब 25 दिन बाद मरीज इस स्थिति में आया कि एक मिनट में पांच लीटर आक्सीजन दी जा रही थी। ऐसे मरीज को जीवन मिलना बड़ा मुश्किल था लेकिन यह ऐसा मरीज था जो गंभीर होने के साथ बीमारी से लंबा संघर्ष करने के बाद ठीक हो रहा है।

डाक्टर नवीन ने कहा कि हमनें मरीजों को स्टेरायड्स नहीं दिया लेकिन यह ऐसा मरीज था जिसे स्टेरायड्स देने के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए और इसी कारण बचाने में कामयाब रहे। आज मरीज घर पर है और इस स्थिति में आया है कि कभी कभार आक्सीजन की जरूरत हो रही है।

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