स्वास्थ्य : ज्यादा पानी पीना भी शरीर के लिए हानिकारक

किसी भी व्यक्ति का शरीर पांच मूल तत्वों से मिलकर बना होता है, जिन्हें हम क्रमश: आकाश, वायु, अग्नि, जल एवं पृथ्वी के नाम से जानते हैं। बुधवार को विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर दैनिक जागरण के सहयोग से न्यू कालोनी दशहरा ग्राउंड स्थित अथ आयुधार्म की तरफ से मधुमेह जांच शिविर में आयुर्वेद,योग एवं जीवन शैली विशेषज्ञ, एमडी, डॉ. परमेश्वर अरोड़ा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो अपने शरीर में आवश्यकता से अधिक मात्रा में जलीय पदार्थों जैसे - पानी, दूध, दही, लस्सी इत्यादि का सेवन करता है, उसके शरीर में जल तत्त्व बढ़ कर अग्नि तत्व को मंद कर देता है, वैसे तो अग्नि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 05:14 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 06:05 PM (IST)
स्वास्थ्य : ज्यादा पानी पीना भी शरीर के लिए हानिकारक
स्वास्थ्य : ज्यादा पानी पीना भी शरीर के लिए हानिकारक

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: किसी भी व्यक्ति का शरीर पांच मूल तत्वों से मिलकर बना होता है, जिन्हें हम आकाश, वायु, अग्नि, जल एवं पृथ्वी के नाम से जानते हैं। बुधवार को विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर दैनिक जागरण के सहयोग से न्यू कॉलोनी स्थित जितेन्द्र बहल पार्क में अथ आयुर्धाम की तरफ से मधुमेह जांच शिविर में आयुर्वेद, योग एवं जीवन शैली विशेषज्ञ, एमडी डॉ. परमेश्वर अरोड़ा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो अपने शरीर में आवश्यकता से अधिक मात्रा में जलीय पदार्थों जैसे- पानी, दूध, दही, लस्सी इत्यादि का सेवन करता है, तो उसके शरीर में जल तत्व बढ़ कर अग्नि तत्व को मंद कर देता है।

वैसे तो अग्नि संपूर्ण शरीर में व्याप्त होती है, लेकिन अग्नि का मुख्य स्थान जिसे आयुर्वेद में अगन्याशय (पैंक्रियाज) कहा जाता है वह सबसे अधिक प्रभावित होता है। इसी अगन्याशय से ही रक्त में मधुमेह की मात्रा को नियंत्रण में रखने वाला हार्मोन- इंसुलिन बनता है। अत: अत्यधिक जलीय पदार्थों के प्रभाव से विकृत हुआ अगन्याशय, इंसुलिन को सम्यक रूप से स्त्रावित नहीं कर पाता और उससे रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रण में नहीं रह पाती, जिससे वह व्यक्ति मधुमेह का रोगी बन जाता है। इसी कारण से आयुर्वेद के आचार्यों ने मधुमेह रोगी को जल निषेध बतलाया है और असह्य होने पर अति अल्प मात्रा में पानी पीने के विधान को बतलाया है।

डॉक्टर ने कहा कि ज्यादा जल का सेवन करने से ही हमारे मेटाबोलिक मंद हो जाते हैं जिसके कारण हम मोटे होने लगते हैं। मोटापे को डायबिटीज यानी मधुमेह की उत्पत्ति में सबसे बड़ा कारण माना गया है। इस ²ष्टिकोण से भी अधिक जल का सेवन मधुमेह एवं मोटापे के रोगियों के लिए ठीक नहीं है।

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