रिश्वत कांड: दोबारा तीन दिन की रिमांड पर निलंबित इंस्पेक्टर विशाल

दिल्ली के काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी से रिश्वत लेने के आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को पूछताछ के लिए फरीदाबाद की विजिलेंस टीम ने गुरुग्राम जिला अदालत में पेश कर दोबारा तीन दिन की रिमांड पर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:15 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 06:15 PM (IST)
रिश्वत कांड:  दोबारा तीन दिन की रिमांड पर निलंबित इंस्पेक्टर विशाल
रिश्वत कांड: दोबारा तीन दिन की रिमांड पर निलंबित इंस्पेक्टर विशाल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: दिल्ली के काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी से रिश्वत लेने के आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को पूछताछ के लिए फरीदाबाद की विजिलेंस टीम ने गुरुग्राम जिला अदालत में पेश कर दोबारा तीन दिन की रिमांड पर लिया है। इससे पहले भी उसे तीन दिन की रिमांड पर लिया गया था। टीम ने दोबारा रिमांड पर लेने के लिए अदालत से कहा कि आरोपित इंस्पेक्टर सहयोग नहीं कर रहा है। रिश्वत के पैसे कहां बांटे गए, इस बात की जानकारी हासिल करना आवश्यक है। इसके लिए सात दिन की रिमांड चाहिए लेकिन अदालत ने तीन दिन की रिमांड दी।

गत महीने महीने 28 दिसंबर की रात खेड़कीदौला थाने में तैनात रहे हेड कांस्टेबल अमित को फरीदाबाद विजिलेंस की टीम ने काल सेंटर संचालक से पांच लाख रुपये लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था। उसने कबूला था कि इंस्पेक्टर विशाल के कहने पर पैसे लेने पहुंचा था। इससे पहले संचालक को बंधक बनाकर 57 लाख रुपये वसूले गए थे। मामला सामने आने के बाद से विशाल फरार चल रहा था। गिरफ्तारी का दबाव बढ़ने पर उसने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया। तीन दिन की रिमांड के दौरान उसने अपना मुंह नहीं खोला। अब दोबारा रिमांड पर लिए जाने के दौरान टीम सबकुछ उगलवाने का पूरा प्रयास करेगी। जब तक वह मुंह नहीं खोलेगा तब तक जांच आगे नहीं बढ़ सकती। टीम के साथ अदालत पहुंचीं एसपी विजिलेंस

बृहस्पतिवार को फरीदाबाद विजिलेंस की प्रभारी पुलिस अधीक्षक (एसपी) नाजनीन भसीन भी टीम के साथ अदालत में पहुंचीं। बताया जाता है कि उन्होंने भी दोबारा रिमांड लेने के लिए अपना पक्ष रखा। इंस्पेक्टर विशाल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एसएस चौहान ने पक्ष रखा। किसी भी आरोपित को रिमांड पर लेने से पहले अदालत में डिस्क्लोजर स्टेटमेंट जमा कराना अनिवार्य है। इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। एसएस चौहान ने कहा कि जिस दिन आत्मसमर्पण किया था, उस दिन भी बिना डिस्क्लोजर स्टेटमेंट के ही विजिलेंस ने रिमांड पर लिया था और दोबारा भी ऐसा ही किया गया।

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