आय-व्यय का लेखाजोखा बनाने में जुटे नप अधिकारी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: नगर परिषद प्रशासन वार्षिक बजट बैठक की तैयारियों में जुटा हुअ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Feb 2018 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 01 Feb 2018 03:00 AM (IST)
आय-व्यय का लेखाजोखा बनाने में जुटे नप अधिकारी
आय-व्यय का लेखाजोखा बनाने में जुटे नप अधिकारी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: नगर परिषद प्रशासन वार्षिक बजट बैठक की तैयारियों में जुटा हुआ है। बैठक से पहले साल भर का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है कि किस मद से कितनी आय हुई। साथ में पार्षदों से एजेंडे भी मांगे गए हैं। फरवरी महीने में ही वार्षिक बजट बैठक होगी। सभी पार्षदों से पूछा गया है कि वे अपने अपने वार्ड में क्या विकास कार्य चाहते हैं। बताया गया है कि तकरीबन सभी पार्षदों ने अपने एजेंडे बता दिए हैं। कुछ ने लिखित में दिए हैं तो कुछ ने मौखिक तौर पर अधिकारियों को नोट करवा दिए हैं। अधिकारियों की मानें तो किसी पार्षद ने अभी तक ऐसी कोई मांग नहीं रखी जिससे पूरे शहर को फायदा हो। हर पार्षद ने अपने अपने वार्ड की कुछ मूल समस्याएं रखी हैं। किसी के यहां गलियों की मरम्मत करने की मांग है तो किसी ने पानी निकासी व स्ट्रीट लाइट जैसी समस्या रखी है।

चिल्ली झील का एजेंडा फिर शामिल

सभी पार्षदों ने अपने अपने वार्ड के एजेंडे दे दिए। लेकिन किसी पार्षद ने शहर की ऐसी कोई सामूहिक समस्या या मांग एजेंडों में नहीं रखी, जिससे पूरे शहर को फायदा हो। कहने को तो चिल्ली झील संवारने की मांग कई साल से चल रही है। लेकिन पार्षद झील का मुद्दा कभी निहीं उठाते। इस बार भी नहीं उठाया। इसलिए नगर परिषद अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही एजेंडों में शामिल किया है। हालांकि इस समस्या को हर बार शामिल किया जाता है। लेकिन काम नहीं हो पाता। इसके अलावा बत्तरा कालोनी में पानी निकासी की समस्या को भी नप अधिकारियों ने एजेंडों में शामिल किया है। पार्षदों द्वारा दिए गए एजेंडों के आधार पर नप अधिकारी लेखा जोखा बना रहे हैं कि किस काम पर कितना खर्च होगा और कितनी आय होगी। उसी अनुसार सारा अगले सत्र के लिए प्ला¨नग बनाई जाएगी।

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इन मदों से होती है आय

-हाउस टैक्स

-दुकानों का किराया

-स्टांप ड्यूटी

-फायर टैक्स

-मृत पशुओं का ठेका

-होर्डिंग लगाने की फीस

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वार्षिक औसतन आय: 10 करोड़

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बीते तीन साल में खर्च राशि

2015-16 : कुल 8 करोड़ खर्च

2016-17: 4.85 करोड़ खर्च

2017-18: 11.93 करोड़ खर्च का लक्ष्य था।

आय कम, खर्च उससे भी कम

नगर परिषद के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि एक तो शहर में आय नहीं होती। वहीं जितनी आय होती है, वह भी ठीक से खर्च नहीं हो पाती। इसकी वजह ये है कि अधिकारियों के पद कई महीनों तक खाली रहते हैं। कई पद लंबे समय से ही खाली पड़े हैं। इसके अलावा अधिकारियों का थोड़े ही दिन बाद तबादला हो जाता है। उस कारण विभिन्न मदों से आय अटक जाती है। सत्र 2015-16 की कुल आय 9 करोड़ रुपये थी। जबकि अगले साल घटकर यह 6 करोड़ 22 लाख रुपये पर पहुंच गई। गत वर्ष हाउस टैक्स अच्छा आया है, जिसके चलते आर्थिक हालत में कुछ सुधार हुआ है।

:::::फरवरी माह में ही वार्षिक बजट बैठक हो जाएगी। इसके लिए हमारी तरफ से तैयारी चल रही है। पार्षदों ने एजेंडे दे दिए हैं। हम सारा लेखा जोखा बना रहे हैं कि अगले सत्र में कहां से आय हो सकती है और क्या नए कार्य किए जाएं। जल्द ही बैठक की तारीख घोषित कर दी जाएगी।

-अमन ढांडा, ईओ, नगर परिषद।

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