सीपीसीबी की एडवाइजरी के बाद प्रशासन अलर्ट

दिल्ली एनसीआर में पीएम 2.5 की मात्रा 400 के आसपास होने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। इसके तहत 1 से 10 नवंबर तक ऐसे निर्माणों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं जो प्रदूषण फैलाते हैं। प्रदूषण बढ़ने को लेकर नगर निगम में भी मुख्य अभियंता ने अधिकारियों की बैठक ली। इसमें सड़क किनारे पड़ी मिट्टी को हटाने के निर्देश दिए गए। औद्योगिक नगरी में शनिवार को पीएम 2.5 की मात्रा 366 थी। यहां बरती जा रही है लापरवाही

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Oct 2018 06:58 PM (IST) Updated:Sat, 27 Oct 2018 06:58 PM (IST)
सीपीसीबी की एडवाइजरी 
के बाद प्रशासन अलर्ट
सीपीसीबी की एडवाइजरी के बाद प्रशासन अलर्ट

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : दिल्ली एनसीआर में पीएम 2.5 की मात्रा 400 के आसपास होने के बाद सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) भी चौकस हो गया है। इसके तहत स्थानीय स्तर पर भी 1 से 10 नवंबर तक ऐसे निर्माणों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं जो प्रदूषण फैलाते हैं। प्रदूषण बढ़ने को लेकर नगर निगम में भी मुख्य अभियंता ने अधिकारियों की बैठक ली। इसमें सड़क किनारे पड़ी मिट्टी को हटाने के निर्देश दिए गए। औद्योगिक नगरी में शनिवार को पीएम 2.5 की मात्रा 366 थी। यहां बरती जा रही है लापरवाही

-शहर से लेकर गांव तक सड़क किनारे काफी मिट्टी पड़ी हुई है जो धूल बनकर उड़ती रहती है।

-नगर निगम द्वारा सड़क किनारे पानी का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है।

-शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर पड़े हुए हैं।

-गंदे पानी के नाले खुले में बह रहे हैं।

-कूड़ा भी जलाया जा रहा है। प्रदूषण बढ़ रहा है तो अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। आमजन को भी जागरुक होना होगा। तभी अंकुश लग सकता है।

-संगम प्रदूषण की वजह से ही घर से बाहर निकलते ही मुंह पर कपड़ा बांधना पड़ता है लेकिन कई जगह देखने में आया है कि कर्मचारी कूड़ा जलाते हैं।

-शुभम प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों पर अंकुश लगाया जाएगा। इसे लेकर अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। निर्देश दिए हैं कि सड़क किनारे धूल न उड़े, इसके पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए।

-डीआर भास्कर, मुख्य अभियंता, नगर निगम। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एडवाइजरी का पालन हर हालत में कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभागों को पत्र जारी कर दिया जाएगा। हम अपने स्तर पर भी जो हो सकता है कर रहे हैं। जिन संस्थानों के बाहर भवन निर्माण सामग्री खुले में पड़ी है और हवा चलने पर उड़ती रहती है, उनके संचालकों से आग्रह है कि उनके ढकने के वैकल्पिक इंतजाम कर लें अन्यथा कार्रवाई होगी।

-विजय चौधरी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

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