किराए की कोख का कारोबार : नीलम के 30 गज के मकान में लगे हैं सीसीटीवी कैमरे, बिखरे मिले कई मेडिकल वेस्ट

पड़ताल में यह बात सामने आई कि नीलम यहां अपनी बेटी के साथ रहती थी। पड़ोसी ने बताया कि उन्होंने कभी नीलम के पति को यहां नहीं देखा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2020 06:33 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 06:33 PM (IST)
किराए की कोख का कारोबार : नीलम के 30 गज के मकान में लगे हैं सीसीटीवी कैमरे, बिखरे मिले कई मेडिकल वेस्ट
किराए की कोख का कारोबार : नीलम के 30 गज के मकान में लगे हैं सीसीटीवी कैमरे, बिखरे मिले कई मेडिकल वेस्ट

फरीदाबाद [अनिल बेताब]। किराए की कोख (सरोगेसी) के कारोबार में आगरा पुलिस की पकड़ में आई आरोपित नीलम का तिलपत पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला गिरधावर एन्क्लेव स्थित घर भी संदेह के घेरे में है। करीब 30 गज के प्लाट में बने घर के बाहर ताला लगा हुआ है। छोटे से घर के बाहर दो सीसीटीवी कैमरे लगे नजर आए। घर के बगल में खाली प्लाट है। इस प्लाट में बायो मेडिकल वेस्ट बिखरा हुआ मिला। पड़ोस के प्लाट में बिखरे दस्ताने, मास्क, कॉटन, सिरिंज (सूई) और निप्पल देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि यहां जच्चा-बच्चा केंद्र चलता होगा। आसपास के लोगों के अनुसार पहले तो नीलम के घर के बाहर जच्चा-बच्चा केंद्र लिखा बोर्ड भी टंगा हुआ था।

लोगों ने कहा नहीं देखा पति

जागरण पड़ताल में यह बात सामने आई कि नीलम यहां अपनी बेटी के साथ रहती थी। पड़ोसी ने बताया कि उन्होंने कभी नीलम के पति को यहां नहीं देखा। इतना सुना है कि नीलम पहले किसी अस्पताल से भी जुड़ी थी। स्कूटी से कहीं आती-जाती थी। यह स्कूटी भी वहां लावारिस खड़ी मिली।

19 जून को हुई गिरफ्तारी

बता दें कि 19 जून को आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पुलिस ने मानव तस्करी की सूचना पर दो वाहनों में दो महिलाओं नीलम व रूबी और तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। इनसे तीन बच्चियां भी बरामद की गईं थी। नीलम की ओर से पुलिस को दी गई जानकारी में बताया गया कि उसने फरीदाबाद के निजी अस्पताल में रूबी और विमल की डिलीवरी कराई थी। इसके बाद ही आगरा पुलिस ने यहां के तीन डॉक्टरों को बयान लेने को बुलाया था।

स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल

नीलम के घर के बाहर प्लाट में बिखरे बायो मेडिकल वेस्ट से प्रतीत होता है कि यहां गर्भवती महिलाएं जरूर आती होंगी। नीलम घर पर डिलीवरी कराने के साथ ही बाद में सरोगेसी के मामलों के चलते महिला रोग विशेषज्ञों से जुड़ गईं। अब स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं कि जब हर क्षेत्र में आशा वर्कर और महिला स्वास्थ्य कर्मचारी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण करवाने में मदद करती हैं और पास के स्वास्थ्य केंद्र तक लाने की जिम्मेदारी भी उनकी है। ऐसे में गिरधावर एन्क्लेव में प्रसूति संबंधी मेडिकल वेस्ट के बारे में स्वस्थ विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित न करना भी एक तरह से लापरवाही है।

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