छात्र संगठनों में रोष, निष्पक्ष जांच की मांग

फरीदाबाद के राजकीय कॉलेज में छात्रा के शोषण का मामला सामने आने के बाद छात्र संगठनों में रोष है। छात्र संगठनों ने शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य रेनू भाटिया को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 May 2019 08:23 PM (IST) Updated:Sat, 18 May 2019 06:29 AM (IST)
छात्र संगठनों में रोष, निष्पक्ष जांच की मांग
छात्र संगठनों में रोष, निष्पक्ष जांच की मांग

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : राजकीय कॉलेज में छात्रा के शोषण का मामला सामने आने के बाद छात्र संगठनों में रोष है। छात्र संगठनों ने शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य रेनू भाटिया को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। इसके अलावा कॉलेजों में छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक माधव रावत, राहुल राणा, कंजन डागर, रवि पांडे, छविल शर्मा, हरीश चौधरी, शिवदत्त, आकाश नागर ने ज्ञापन में महिला कॉलेजों में केवल महिला प्राध्यापकों की नियुक्ति की मांग की। एनएसयूआइ के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने ज्ञापन में सभी कॉलेजों में महिला सेल के गठन की मांग की। साथ ही कॉलेज समय में दो महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी कॉलेजों में लगाने की भी मांग की। छुट्टी के समय कॉलेजों के बाहर पीसीआर होना भी सुनिश्चित किया जाए। उनके साथ दुर्गेश दुग्गल, अभिषेक, योगेश मौजूद थे। तिगांव विधानसभा क्षेत्र के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अनील चेची ने महिला आयोग की सदस्य से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले से संबंधित वीडियो, ऑडियो व शिकायतों की कॉपी रेनू भाटिया को सौंपी। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल दोषियों को निलंबित करने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। अनिल चेची ने आरोपित प्रोफेसर के लंबे समय से स्थानांतरण ना होने का भी मुद्दा उठाया। प्रोफेसरों पर छात्राओं को ट्यूशन पढ़ाने का भी आरेाप

छात्रों ने विभिन्न प्रोफेसरों पर कॉलेज में छात्राओं को ट्यूशन पढ़ाने का भी आरोप लगाया है। इस  मामले में सेक्टर-3 निवासी उमेश कुमार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की हुई  है।  शिकायत में कहा है कि  कॉलेज में छात्राओं पर ट्यूशन पढ़ने का दबाव बनाया जाता है। ऐसा न करने पर उनके अंक काटने की बात  कही जाती है। मजबूरी में छात्राएं  ट्यूशन  पढ़ती हैं और एक महीने के लिए एक हजार रुपये  फीस देती हैं। उन्होंने अप्रैल महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजी थी।

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