शिक्षक बलवंत ने की पहल तो सरकारी स्कूल को अव्वल बनाने में आगे आएं अभिभावक

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : तीन वर्ष पूर्व गांव कारीरूपा में बिना चाहरदीवारी के दो कमरों के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Feb 2019 11:30 PM (IST) Updated:Fri, 08 Feb 2019 11:30 PM (IST)
शिक्षक बलवंत ने की पहल तो सरकारी स्कूल को अव्वल बनाने में आगे आएं अभिभावक
शिक्षक बलवंत ने की पहल तो सरकारी स्कूल को अव्वल बनाने में आगे आएं अभिभावक

संवाद सहयोगी, बाढड़ा :

तीन वर्ष पूर्व गांव कारीरूपा में बिना चाहरदीवारी के दो कमरों के स्कूल में आने वाले एक शिक्षक ने अपनी कर्मठता से विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था में सुधार कर प्राथमिक स्कूल में मात्र दो वर्ष में ही डेढ़ गुणा छात्र संख्या में बढ़ोतरी कर निजी विद्यालयों को भी मात देने का काम किया है। क्षेत्र के अभिभावकों का भी सरकारी संस्थाओं के प्रति भरोसा बढ़ाने का काम किया। गांव कारीरूपा को वर्ष 2012 में प्राथमिक स्कूल की सौगात मिली।

जिस पर गांव के बाहरी क्षेत्र में दो कमरों का निर्माण करवा कर उसका संचालन किया गया। बिना चाहरदीवारी के इस स्कूल में गांव के चार वर्षो में मात्र 28 छात्रों ने प्रवेश लिया। जिससे विद्यालय के प्रति अभिभावकों का रूझान कम होता चला गया।

वर्ष 2016 में कुरुक्षेत्र से तबादला होकर आए मुख्य शिक्षक बलवंत ¨सह ने जब विद्यालय की हालत देखी तो उनकों बड़ी हैरानी हुई। उन्होंने ग्राम पंचायत व स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक बुला कर पहले उनसे सलाह की तो ग्रामीणों ने इस विद्यालय में अपने बच्चे भेजने से पहले शिक्षकों से वहां का वातावरण तैयार करने की बात कही शिक्षक बलवंत ¨सह ने ग्राम पंचायत व एसएमसी सदस्यों से सरकारी सेवा की बाट देखने की बजाए गांव के सामाजिक कार्यो में रुचि लेने वाले युवाओं की सूची तैयार कर फिर उनके अभिभावकों के सहयोग से विद्यालय के विकास को चार चांद लगा दिए। उन्होंने सबसे पहले गांव के मौजिज ग्रामीणों की मदद से चाहरदीवारी का निर्माण करवाया और उसके बाद दिन में बच्चों को पढ़ने के बाद अन्य शिक्षकों व युवाओं के साथ विद्यालय में पौधरोपण कर वहां पर सुंदर वाटिका बनाई। अन्य नए कमरों के अलावा बरसाती जल के भंडारण के लिए भूमिगत कुंड का निर्माण करवाते हुए दानदाताओं के सहयोग से छोटे से स्कूल में बच्चों से अलग स्कूल स्टाफ के लिए अन्य शौचालय निर्माण करवाने, सरकारी वर्दी के अलावा स्वयं के चंदे से अलग से टी-शर्ट, पार्क में भूमिगत फव्वारा सिस्टम, आधुनिक शिक्षा के लिए कंप्यूटर सिस्टम की उपलब्धता करवा कर सराहनीय पहल की है। जिससे मात्र दो वर्ष में ही छात्र संख्या डेढ़ गुणा ज्यादा बढ़ गई है। इसके अलावा प्रोजेक्ट शिक्षा भी शुरू करना एक बड़ी उपलब्धि है।

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ग्राम पंचायत ने की सराहना

गांव कारीरूपा के सरपंच अजीत ¨सह, कारीदास की महिला सरपंच बबीता देवी व एसएमसी उपाध्यक्ष माइराम इत्यादि ने बताया कि पहले उनके गांव के विद्यालय की तरफ न विभाग का ध्यान था और न ही अभिभावकों का विश्वास। मुख्य शिक्षक बलवंत ¨सह के आने के बाद ग्रामीणों ने भी रुचि दिखाई और तन मन धन से पूरा सहयोग दिया। आज विद्यालय सौंदर्यीकरण व शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी है। मौजूदा समय में गांव के सत्तर फीसद बच्चे प्राथमिक विद्यालय में आ रहे हैं। खंड के अन्य स्कूलों में जहां शिक्षकों के पद खत्म किए जा रहे हैं वहीं यह पहला ऐसा विद्यालय है जिसमें एक शिक्षक का नया पद सृजित करते हुए शिक्षक की तैनाती की गई है।

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शिक्षक समाज का दर्पण : शर्मा

खंड शिक्षा अधिकारी श्रीकिशन शर्मा ने कहा कि शिक्षक का समाज निर्माण में बड़ा योगदान होता है। वे उस दर्पण की तरह हैं जिसमें समाज का भविष्य नजर आता है। कारीरूपा समेत आधा दर्जन भर स्कूलों के मुखियाओं ने कड़ी मेहनत कर सरकारी शिक्षण संस्थाओं का स्वरूप बदलते हुए अभिभावकों का विश्वास जीतने का काम किया है।

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