केएमपी पर शव को कुचलते रहे वाहन, टुकड़े-टुकड़े होने पर भी कोई न रुका, पुलिस ने पहुंचकर समेटा

जिदगी की रफ्तार में कैसे मानवीय संवेदनाएं शून्य हो जाती हैं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:50 AM (IST)
केएमपी पर शव को कुचलते रहे वाहन, टुकड़े-टुकड़े होने पर भी कोई न रुका, पुलिस ने पहुंचकर समेटा
केएमपी पर शव को कुचलते रहे वाहन, टुकड़े-टुकड़े होने पर भी कोई न रुका, पुलिस ने पहुंचकर समेटा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

जिदगी की रफ्तार में कैसे मानवीय संवेदनाएं शून्य हो जाती हैं, यह रात में केएमपी एक्सप्रेस पर दिखा। एक साइकिल सवार की किसी वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी। शव सड़क के बीच न जाने वाहनों के नीचे कितनी देर तक कुचलता रहा। शव के टुकड़े-टुकड़े हो चुके थे, मगर कोई वाहन न रुका और न ही किसी ने पुलिस को सूचना दी। जब गश्त करती हुई पुलिस की टीम पहुंची। तब वहां का मंजर देख खुद खाकी भी सहम गई। टुकड़ों में बंट चुके शव को समेटा और सिविल अस्पताल भिजवाया। मृतक की अभी पहचान नहीं हो सकी है। बाद में पुलिस वैन के इंचार्ज की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। यह था शिकायत का मजमून

मैं बलवान सिंह रोहतक के खिडवाली का रहने वाला हूं। हरियाणा पुलिस में तैनात हूं। मेरी ड्यूटी ट्रैफिक बहादुरगढ़ की वैन नंबर पांच पर बतौर इंचार्ज है। ड्यूटी का स्थान केएमपी पर खरखौदा बोर्ड से डाबौदा गांव के फ्लाईओवर तक है। मंगलवार की रात मैं पूरी टीम के साथ गश्त पर था। जब हम बेरी-बहादुरगढ़ मार्ग के फ्लाई ओवर से करीब एक किमी डाबौदा गांव की तरफ पहुंचे तो मांडौठी के एरिया में सड़क के बीच एक अज्ञात व्यक्ति का शव था, जो बुरी तरह कुचला हुआ था। शव के टुकडे़ भी इधर-उधर थे। चेहरे की पहचान भी नही हो रही थी। शव से करीब 20 मीटर पहले एक टूटी हुई साइकिल पड़ी थी। आस-पास कोई वाहन नहीं था। किसी अज्ञात वाहन चालक ने साइकिल में टक्कर मारकर उस पर सवार की जान ली है।

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