ओवरफ्लो हुई ड्रेन के पानी में डूबे सीवरेज प्लांट, एक को बंद किया, शहर में खड़ा हुआ भीषण संकट

ऐसे में एक प्लाट को तो बंद ही करना पड़ा। जबकि दूसरा आधा ही चल पा रहा है। इससे शहर में भीषण संकट खड़ा हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 09:20 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 09:20 PM (IST)
ओवरफ्लो हुई ड्रेन के पानी में डूबे सीवरेज प्लांट, एक को बंद किया, शहर में खड़ा हुआ भीषण संकट
ओवरफ्लो हुई ड्रेन के पानी में डूबे सीवरेज प्लांट, एक को बंद किया, शहर में खड़ा हुआ भीषण संकट

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़

शहर से गुजरने वाली मुंगेशपुर ड्रेन हाई फ्लड लेवल (खतरे के निशान से ऊपर) पर पहुंचने से दोनों सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी डूब गए हैं। ऐसे में एक प्लाट को तो बंद ही करना पड़ा। जबकि दूसरा आधा ही चल पा रहा है। इससे शहर में भीषण संकट खड़ा हो गया है। ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने से बड़े हिस्से में सीवर लाइनें भी ओवरफ्लो होने का खतरा बना हुआ है। अगले चार दिनों में भी बारिश के आसार हैं। ऐसे में जल्द ही इंतजाम न हुए तो घरों में सीवर की गंदगी बैक मार सकती है।

शहर में दो जगहों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट है। 18 एमएलडी का रेलवे लाइनपार क्षेत्र में है जबकि 36 एमएलडी का नजफगढ़ रोड पर है। दोनों ही प्लांट से सीवर के पानी को ट्रीट करने के बाद मुंगेशपुर ड्रेन में डाला जाता है, लेकिन इस समय यह ड्रेन हाई फ्लड लेवल पर पहुंच चुकी है। इसके कारण सीवर प्लांट का पानी ड्रेन में जाने की बजाय उल्टा ड्रेन का पानी ही प्लांट में भर गया है। 18 एमएलडी प्लांट में तीन से चार फीट पानी भर गया। यहां के इलेक्ट्रिक पैनल भी इसमें डूब गए हैं। इसलिए यह प्लांट बंद कर दिया। जब तक हालात ठीक नहीं होते, तब तक यह प्लांट बंद रखना होगा। इसमें पता नहीं कितने दिन लग जाएं। जाहिर है कि ऐसे में दिक्क्त आ सकती है। सीवर लाइनें भी ओवर फ्लो हो सकती हैं। वहीं 36 एमएलडी का प्लांट सामान्य दिनों के मुकाबले आधे समय तक ही चल पा रहा है। जब यहां का पंपिग स्टेशन भर जाता है, तब प्लांट को चलाया जाता है। इसका कारण भी मुंगेशपुर ड्रेन का ओवर फ्लो होना ही है। वर्जन..

ज्यादा बरसात और ड्रेन में अत्यधिक पानी आने के कारण एक प्लांट को बंद करना पड़ा। भारी मात्रा में पानी प्लांट में जमा हो गया है। इस सूरत में यह चलाया नहीं जा सकता। पैनल भी खराब होने का खतरा बना हुआ है। दूसरे प्लांट को भी पूरे समय तक चलाना संभव नहीं है।

--संदीप दुहन, एसडीओ, जन स्वास्थ्य विभाग

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