मम्मी अंदर, तो पापा और दादी बाहर देते रहे परीक्षा

शिक्षक पात्रता परीक्षा के दौरान इस बार भी खास पहलू दिखा। एक बार फिर से नवजात या छोटे बच्चों को लेकर परीक्षा देने आई महिलाओं ने तो अंदर परीक्षा दी मगर इस दौरान उनके बच्चों को संभालना परिजनों के लिए भी किसी परीक्षा से कम नही रहा। ज्यादातर मामलों में पापा ने ही यह जिम्मेदारी निभाई। कुछ महिला परीक्षार्थियों की सास साथ में आई थी। इस परीक्षा में पहले दिन महिला परीक्षार्थियों की संख्या ही ज्यादा रही। इनमें से काफी ऐसी रही जो नजदीकी समय में ही मां बनी हैं। किसी के पास एक साल तो किसी के पास डेढ़ साल का बच्चा है। कई के पास इससे कुछ बड़ी उम्र के बच्चे थे, जो

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Jan 2019 04:46 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jan 2019 04:46 PM (IST)
मम्मी अंदर, तो पापा और दादी बाहर देते रहे परीक्षा
मम्मी अंदर, तो पापा और दादी बाहर देते रहे परीक्षा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शिक्षक पात्रता परीक्षा के दौरान इस बार भी खास पहलू दिखा। एक बार फिर से नवजात या छोटे बच्चों को लेकर परीक्षा देने आई महिलाओं ने तो अंदर परीक्षा दी मगर इस दौरान उनके बच्चों को संभालना परिजनों के लिए भी किसी परीक्षा से कम नहीं रहा। ज्यादातर मामलों में पापा ने ही यह जिम्मेदारी निभाई। कुछ महिला परीक्षार्थियों की सास साथ में आई थी। इस परीक्षा में पहले दिन महिला परीक्षार्थियों की संख्या ही ज्यादा रही। इनमें से काफी ऐसी रही जो नजदीकी समय में ही मां बनी हैं। किसी के पास एक साल तो किसी के पास डेढ़ साल का बच्चा है। कई के पास इससे कुछ बड़ी उम्र के बच्चे थे, जो अपनी मां के बिना नही रह सकते थे। ऐसे में वे घर से बच्चों को साथ लेकर ही परीक्षा केंद्र पर पहुंची, मगर लाइन में लगने से लेकर परीक्षा खत्म होने तक के साढ़े तीन से चार घंटे के समय के दौरान ऐसे बच्चों को अपनी मां की गोद से दूर ही रहे। कुछ परीक्षार्थियों को छोड़ ज्यादातर के बच्चे अपने पापा या दादी की गोद में ही दिखे। मगर उनके लिए तो इतने समय तक बच्चों को संभालना किसी परीक्षा से कम नही रहा। कंधे से लगाए अपने बच्चों को कई शख्स परीक्षा केंद्र के बाहर इधर-उधर टहलते नजर आए। परीक्षा खत्म होने के बाद जब मां दिखी तब बच्चों के चेहरों पर खुशी लौटी। कई मामलों में तो बच्चों को संभालने के लिए परिवार की महिला सदस्य साथ आई थी।

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