केएमपी पर अभी तक बंद नहीं हुए अवैध कट

केएमपी पर अभी तक बंद नहीं हुए अवैध कट

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Apr 2019 01:38 AM (IST) Updated:Thu, 04 Apr 2019 06:33 AM (IST)
केएमपी पर अभी तक बंद नहीं हुए अवैध कट
केएमपी पर अभी तक बंद नहीं हुए अवैध कट

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे (केएमपी) पर बने अवैध कट अभी तक बंद नहीं हुए हैं। साढ़े तीन महीने पहले यह एक्सप्रेस हाइवे आमजन के लिए खुला था। मगर तभी से अवैध कट खुले हुए हैं। इस बीच आसौदा-मांडौठी के बीच स्थित टोल पर बने शौचालयों से पानी का कनेक्शन भी जुड़ा न होने से यहां पर कर्मचारी परेशान हैं। रोजाना उन्हें शौच जाने के लिए पानी खरीदकर लाना पड़ता है।

बता दें कि केएमपी का उद्घाटन 19 नवंबर को हो गया था। मगर इसका कार्य पूरा अभी तक नहीं हुआ है। इस बीच 12 दिसंबर से केएमपी पर टोल वसूली शुरू कर दी गई थी। पहले एचएसआइआइडीसी की तरफ से इसका ट्रायल टेंडर दिया गया था। इसकी अवधि एक माह रखी गई। यह टेंडर 12 जनवरी को पूरा हो गया। उससे पहले नया टेंडर जारी किया गया। जिस कंपनी को ट्रायल टेंडर दिया गया, उसी कंपनी की ओर से केएमपी के सभी 11 टोल का टेंडर लिया गया है। -----टोल पर शौचालय में पानी नहीं

मांडौठी के पास टोल पर कुल 11 लेन बनी हैं, मगर इनमें से आधी में सेटअप लगाया गया है। दिल्ली-रोहतक रोड से केएमपी पर जाने के लिए दो लेन और निकासी के लिए भी दो लेन पर सेटअप चालू है। इन्हीं चार लेन से वाहन आ-जा रहें हैं। वाहनों की संख्या बढ़ने पर बाकी लेन बाद में चालू होंगी। यहां पर एचएसआइडीसी की तरफ से शौचालय तो बनाया गया है, मगर यहां पर पानी का कनेक्शन ही नहीं है। ऐसे में कर्मचारी परेशान हैं। शौच जाने के लिए कर्मचारियों को पानी खरीदना पड़ता है। अभी बंद नहीं हुए कट केएमपी पर पिछले दिनों दहकोरा गांव के पास से लाइटों के लिए लगाया गया जनरेटर चोरी हो गया था। उसके बाद संबंधित ठेकेदार ने असुरक्षित जगहों से जनरेटर हटा लिए थे। मगर बाद में कुछ कट बंद होने के बाद इन जनरेटरों को चालू कर दिया गया था। समस्या यह है कि जहां से जनरेटर चोरी हुआ था, वहां पर बना कट अभी भी बंद नहीं किया गया है। ठेकेदारों और निर्माण कंपनी के बीच विवाद होने के कारण ही ये कार्य नहीं हो पाए। ---टोल पर बने शौचालय में पानी नहीं हैं। ऊपर से अवैध कट बंद न होने से वहां से अनाधिकृत रूप से वाहन आ जाते हैं और टोल वसूली पर झगड़ा करते हैं। एचएसआइडीसी की तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

-मुकेश कुमार, टोल मैनेजर मांडौठी, केएमपी

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