वोकल फॉर लोकल के लिए एकजुट हुए उद्यमी, दिल्ली व अन्य प्रदेशों के बजाय बहादुरगढ़ के उत्पाद को ही देंगे प्राथमिकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के संदेश पर यहां के साढ़े 500 से ज्यादा उद्यमी स्थानीय उत्पाद को लेकर एकजुट हो गए हैं। यहां के पांच-छह उद्यमियों ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर दिल्ली व अन्य प्रदेशों से सामान मंगवाने की बजाय बहादुरगढ़ के ही उत्पाद को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 07:30 AM (IST)
वोकल फॉर लोकल के लिए एकजुट हुए उद्यमी, दिल्ली व अन्य प्रदेशों के बजाय बहादुरगढ़ के उत्पाद को ही देंगे प्राथमिकता
वोकल फॉर लोकल के लिए एकजुट हुए उद्यमी, दिल्ली व अन्य प्रदेशों के बजाय बहादुरगढ़ के उत्पाद को ही देंगे प्राथमिकता

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के संदेश पर यहां के साढ़े 500 से ज्यादा उद्यमी स्थानीय उत्पाद को लेकर एकजुट हो गए हैं। यहां के पांच-छह उद्यमियों ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर दिल्ली व अन्य प्रदेशों से सामान मंगवाने की बजाय बहादुरगढ़ के ही उत्पाद को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर इन उद्यमियों के मन में आया यह आइडिया अब धीरे-धीरे काम करने लगा है। अब यहां के उद्यमी एक-दूसरे से जानकारी साझा कर अपनी जरूरत अनुसार सामान का ऑर्डर भी देने लगे हैं। इन उद्यमियों ने सोशल मीडिया ग्रुप पर अपने उत्पादन की जानकारी साझा करने के लिए अब रविवार का दिन चुना है। उद्यमी एक-दूसरे से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क कर खरीदारी करने लगे हैं। कोरोना के इस संकट में यहां के उद्यमी सबसे ज्यादा लोकल उत्पादों को ही खरीदने की वरीयता दे रहे हैं। यहां पैकेजिग, प्लास्टिक व लोहे से तैयार होने वाले उत्पाद उनसे संबंधित दूसरी बड़ी फैक्ट्रियों में प्रयोग हो जाते हैं। इसीलिए इन उत्पादों को अब बढ़ावा भी मिल रहा है। औद्योगिक नगरी बहादुरगढ़ के बारे में कुछ जानकारी

- बहादुरगढ़ में पांच हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां

- अकेले एमआइई क्षेत्र में ही हैं दो हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां

- दो हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां फुटवियर से जुड़ी

- बहादुरगढ़ में बनती हैं देश की 50 फीसद से ज्यादा शीशे की बोतलें

- बहादुरगढ़ में फर्श व दीवारों में आने वाली टाइलें भी बनती हैं

- सेनेटरी वेयर, कैमिकल, दवाइयां, गारमेंट, लैदर, रैग्जीन, टायरों, ट्रांसफार्मर, प्लस्टिक उत्पाद, नट-बोल्ट से जुड़े उत्पाद भी बनते हैं यहां

- रोहद की तरफ देश की कई प्रसिद्ध कंपनियां बनाती हैं प्लाईवुड उत्पाद

- लोहे की स्ट्रिप, सिरिज के साथ-साथ अस्पतालों में काम आने वाले उपकरणों का भी होता है यहां उत्पादन

- कूलर व एसी भी बनते हैं बहादुरगढ़ में

- इसके अलावा लोहा, स्टील, प्लास्टिक से बनने वाले काफी छोटे-बड़े उत्पाद हैं बहादुरगढ़ की पहचान

- पैकेजिग के सामान के साथ-साथ अब तो कोरेाना से संबंधित पीपीई किट व रैपिड टेस्ट का भी हुआ निर्माण शुरू

- बहादुरगढ़ पारले बिस्कुट कंपनी, सूर्या रोशनी व पाइप की वजह से भी है प्रसिद्ध उत्पादों की जानकारी के लिए चुना रविवार का दिन : प्रवीण

बीसीसीआइ के पूर्व महासचिव प्रवीण गर्ग ने बताया कि बहादुरगढ़ में भारी संख्या में उत्पाद बनते हैं। कुछ ऐसे उत्पाद भी हैं जो उद्योगों में भी काम आते हैं। यहां के उद्योगपतियों को इन उत्पादों की पूरी जानकारी न होने की वजह से वे दिल्ली व अन्य प्रदेशों से सामान लाते हैं। हमने कोरेाना महामारी के इस संकट में सोशल मीडिया के चार ग्रुप बनाए और आपस में सूचनाएं साझा कीं। तब पता चला कि बहादुरगढ़ में क्या-क्या चीजें बन रही हैं। ऐसे में अब हर उद्यमी से रविवार के दिन अपने उत्पादों की जानकारी ग्रुप में साझा करने की बात कही है ताकि उद्यमी कार्यदिवस पर ग्रुप में आने वाले संदेशों से परेशान न हों और काम का संदेश उनसे चूक न जाए, इसीलिए रविवार का दिन चुन लिया। इससे बहादुरगढ़ में बनने वाले उत्पाद यहां के उद्यमियों को आसानी से उपलब्ध हो जाया करेंगे। प्रधानमंत्री के संदेश से मिला लोकल चुनने का आइडिया : विवेक

एचएसआइआइडीसी में फैक्ट्री चलाने वाले उद्यमी एवं ग्रुप संचालक विवेक खुल्लर ने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को वोकल फॉर लोकल का संदेश दिया था। इसी संदेश पर यहां के उद्यमियों को लोकल चुनने का आइडिया आया। इससे यहां के उत्पाद को बढ़ाया मिलेगा तथा उद्यम भी आगे बढ़ेगा। स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बाजार मिलेगा तो उद्यमियों का खर्च कम होगा। पीएम के आह्वान पर यहां सोचा गया आइडिया काम आया और अब कई उद्यमी अपनी जरूरतों के अनुसार उत्पादों को लेकर ऑर्डर भी देने लगे हैं।

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