Haryana News: गृह सचिव की जांच कमेटी ने हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट

जुलाई में कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भर्ती में लगे आरोपों की जांच के लिए गृह सचिव सचिव कार्मिक व एडीजीपी विजिलेंस की कमेटी का गठन किया जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 18 Mar 2023 01:29 PM (IST) Updated:Sat, 18 Mar 2023 01:29 PM (IST)
Haryana News: गृह सचिव की जांच कमेटी ने हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
गृह सचिव की जांच कमेटी ने हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के शासन के दौरान हरियाणा में पुलिस इंस्पेक्टर की चयन प्रक्रिया में धांधली मामले की जांच कर गृह सचिव ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंप दी है। जुलाई में कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस भर्ती में लगे आरोपों की जांच के लिए गृह सचिव, सचिव कार्मिक व एडीजीपी विजिलेंस की कमेटी का गठन किया जा रहा है।

कमेटी हाई कोर्ट में रिपोर्ट देगी व उस रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती पर निर्णय लिया जाएगा। हाई कोर्ट ने जांच रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज रिकार्ड पर रखने का आदेश देते हुए सभी पक्षों को पैरवी के लिए रिकार्ड का आकलन करने को कहा है।इस मामले में खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर पुलिस इंस्पेक्टर वर्तमान में राज्य पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। एक सुनवाई पर कोर्ट ने कहा था कि लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के साथ-साथ वाइवा मार्कशीट प्रथम दृष्टया यह दर्शाता है कि चयन प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ है।

एक मूल उत्तर पुस्तिका पर उक्त अभ्यर्थी के हस्ताक्षर नहीं

रिकार्ड के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि किसी एक मूल उत्तर पुस्तिका पर उक्त अभ्यर्थी के हस्ताक्षर नहीं हैं। दो उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षा की तिथि 15 फरवरी, 2008 भरी गई है, जबकि परीक्षा उसके एक साल बाद यानी 15 फरवरी 2009 को हुई थी। उत्तर पुस्तिका में रोल नंबर भी गलत है।बाक्सयाचिकाकर्ता का क्या है आरोपकरनाल निवासी अमित ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि हरियाणा पुलिस में 20 इंस्पेक्टर को भर्ती किया गया है।

20 में से नौ पद सामान्य वर्ग के थे। इन नौ पदों पर हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों सहित अन्य राजनीतिक व अफसरों के रिश्तेदारों को ही नियुक्ति दी गई है। याचिकाकर्ता के अनुसार उसे लिखित परीक्षा में 200 में से 145 अंक प्राप्त हुए थे और वह लिखित परीक्षा में टापर था। लेकिन उसे इंटरव्यू में उसे 25 में से मात्र सात अंक दिए गए और वह वेटिंग लिस्ट में रख दिया, जबकि कम अंक वाले चेहते को इंटरव्यू में अच्छे अंक देकर चयन कर दिया गया है।

चयन किसका हुआ

याचिकाकर्ता के अनुसार जिन नौ उम्मीदवारों का चयन किया गया है, वे सभी रसूखदारों के रिश्तेदार हैं। इनमें हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री का भतीजा हरदीप सिंह भी शामिल है। चयनित किए गए अन्य उम्मीदवारों में हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल के एडीसी का बेटा वरुण दहिया, विधायक डांगी का रिश्तेदार दीपक, तत्कालीन विधायक आनंद कौशिक का भतीजा नवीन शर्मा, तत्कालीन मुख्यमंत्री के एक नजदीकी कार्यकर्ता का रिश्तेदार नवीन सांगू, तत्कालीन मुख्यमंत्री की पत्नी के एक नजदीकी रिश्तेदार का बेटा विपिन अहलावत, हिसार के एक कांग्रेस कार्यकर्ता का बेटा अर्जुन सिंह, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन का रिश्तेदार कमलजीत शामिल है। याचिकाकर्ता के अनुसार सामान्य वर्ग के सभी नौ पदों पर सरकार के राजनीतिक व अफसरशाही के रसूखदारों के रिश्तेदारों का ही चयन किया गया है।

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