अंबाला में चार वर्षीय दत्तक पुत्र और मां की रसोई में हत्या

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर के रामनगर में चार वर्षीय दत्तक पुत्र व मां निर्मल (54) की रसाई में हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में जुटी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 01:59 AM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 01:59 AM (IST)
अंबाला में चार वर्षीय दत्तक पुत्र और मां की रसोई में हत्या
अंबाला में चार वर्षीय दत्तक पुत्र और मां की रसोई में हत्या

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर के रामनगर में चार वर्षीय दत्तक पुत्र व मां निर्मल (54) की सनसनीखेज तरीके से हत्या कर दी गई। महिला के सिर पर किसी भारी हथियार से तीन वार किए गए थे जबकि मासूम बच्चे की मौत दम घुंटने से हुई है। वारदात के पीछे संपत्ति विवाद का संदेह जताया जा रहा है।

दोहरे हत्याकांड का पता तब पता चला जब कपड़े की दुकान करने वाले देवेंद्र (60) घर पहुंचे। पत्नी व बेटे के शव रसोई में देख उनके होश उड़ गए। मकान नंबर 51/24 में हुई वारदात को लेकर देवेंद्र कुमार ने फिलहाल किसी पर शक जाहिर नहीं किया है। उन्होंने बताया कि पंजाब से रात करीब पौने दस बजे घर पहुंचे तो देखा कि रसोई में खून से लथपथ पत्नी निर्मल और साथ बेटा पड़ा था।

देवेंद्र कुमार की कपड़ा मार्केट में कंबल व तौलियों की दुकान है। रामनगर में 200 गज का उनका मकान भी है। देवेंद्र तीन बेटियों की शादी पहले ही कर चुके थे। वर्ष 2013 में 25 वर्षीय अविवाहित बेटे की मौत के बाद बच्चे को पंजाब से गोद लिया था। उसका नाम भी दिनेश ही रखा। ऐसे में दत्तक पुत्र ही संपत्ति का हकदार था। वारदात को अंजाम देने वालों ने घर से कुछ भी नहीं चुराया और पूरा सामान जस का तस था। पुलिस उन नजदीकियों से पूछताछ में लगी है जिनको फायदा मिल सकता है।

देवेंद्र कुमार ने बताया कि बड़ी बेटी रसना अपने पति दीपक के साथ हिमाचल के बद्दी में रहती है। उसका पति एक कंपनी में सीनियर एग्जीक्यूटिव है। छोटी बेटी पूजा की शादी पंजाब के घनौली में हुई है। उसका पति जगदीश की कपड़े की दुकान है। तीसरी बेटी रिचा ने कोर्ट मैरिज की हुई है। देवेंद्र के मुताबिक तीनों बेटियां अपने अपने परिवार में खुश हैं। बच्चे को गोद लेने का फैसला उसने परिवार के सदस्यों की सहमति से लिया था। इसके साथ ही किसी रंजिश से भी इन्कार कर रहे हैं। छुट्टी होने के चलते घर से बाहर थे देवेंद्र कुमार

कपड़ा मार्केट में बृहस्पतिवार को छुट्टी रहती है। देवेंद्र सुबह ही ट्रेन से कपड़े की उधारी लेने पंजाब निकल गए थे। वह देर शाम साढ़े नौ बजे के बाद आए, जबकि वारदात करीब आठ बजे के आसपास बताई जा रही है। संभव है कि देवेंद्र घर पर होते तो उन पर भी हमला होता। संभव है कि हमलावर पूरे परिवार को ही खत्म करने की सोच रख कर आए हों।

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