पहले मालगाड़ी तो अब सवारी गाड़ी लेकर निकली महिला लोको पायलट

अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन से नंगल डैम तक चलने वाली सवारी गाड़ी नंबर 64517 मेमू महिला सीनियर लोको पायलट दीप्ति मंडेकर और सहायक लोको पायलट भारती मैना के साथ रवाना किया।

By Edited By: Publish:Thu, 05 Mar 2020 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2020 05:08 PM (IST)
पहले मालगाड़ी तो अब सवारी गाड़ी लेकर निकली महिला लोको पायलट
पहले मालगाड़ी तो अब सवारी गाड़ी लेकर निकली महिला लोको पायलट

जेएनएन, अंबाला। भारतीय रेलवे ने देश भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाते हुये ट्रेनों के संचालन से लेकर अन्य महत्वपूर्ण दायित्व महिला कर्मचारियों के हाथों में सौंपा। इसी परिपेक्ष्य में बुधवार को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन से नंगल डैम तक चलने वाली सवारी गाड़ी नंबर 64517 मेमू महिला सीनियर लोको पायलट दीप्ति मंडेकर और सहायक लोको पायलट भारती मैना के साथ रवाना किया। इस दौरान अंबाला छावनी के स्टेशन डायरेक्टर बीएस गिल, स्टेशन सुपरिंटेंडेंट हंसराज, गुरविन्दर सिंह, दिनेश और एसएससी लोको वीरेंद्र सिंह मौजूद रहे।

महिला क्रू दीप्ति मंडेकर के ट्रेन का कमान

महिला क्रू दीप्ति मंडेकर मूल रूप से नागपुर की रहने वाली हैं। राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के मौके पर सवारी गाड़ी 64517 मेमू को नंगलडैम तक पहुंचाया। दीप्ति का चयन रेलवे में वर्ष 2006 में हुआ था। शुरू से भारतीय रेलवे में नौकरी करके आज महिला क्रू की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहीं हैं। दीप्ति बताती हैं कि वह इससे पहले पटियाला, अमृतसर सहित अन्य स्थान तक गाडिय़ों को लेकर जाती रहीं हैं। 

फौजी की बेटी है सहायक लोको पायलट मैना

मूल रूप से मध्यप्रदेश की वासी भारती मैना के पिता सेना के सूबेदार रहें हैं। फौजी परिवार में पली बढ़ी भारती मैना अपने कार्य के प्रति अनुशासन को खास महत्व देती हैं। इनका कहना है कि पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के अनुशासन और समयबद्धता को आत्मसात किया। आज वह समय से अपने कार्य को करना ही अपना नैतिक दायित्व समझतीं हैं। भारती ने बताया कि उनका भारतीय रेलवे में चयन वर्ष 2017 में हुआ था।

अंबाला से समय पर और गंतव्य 35 मिनट लेट पहुंची मेमू गाड़ी

अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन से 11.45 पर अधिकारियों की मौजूदगी में चली सवारी गाड़ी नंबर 64517 मेमू अपने गंतव्य नंगलडैम 35 मिनट विलंब से पहुंची। अंबाला छावनी से चलकर पहले ठहराव शहर रेलवे स्टेशन पर ही 8 मिनट देरी से पहुंची। इसके बाद मेमू गाड़ी के विलंब होने का सिलसिला चलता रहा और किसी किसी स्टेशन पर यह गाड़ी 45 से 55 मिनट की देरी से पहुंचती रही। हालांकि अपने आखिरी स्टेशन पर 35 मिनट देरी से पहुंची। 

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