Gujarat: 200 करोड़ की संपत्ति कर दी दान..., अब बेटे-बेटी के नक्शे कदम पर चले माता-पिता; इस दिन संन्यासी बनेगा बिजनेसमैन का यह परिवार

गुजरात में साबरकांठा जिले के रहने वाले एक दंपती ने अपनी 200 करोड़ रुपयों की संपत्ति दान कर दी है। साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रहने वाले बिजनेसमैन भावेशभाई भंडारी और उनकी पत्नी जीनलबेन ने सांसारिक मोह-माया को त्याग दीक्षा लेने का फैसला किया है। दो साल पहले ही उनके 16 वर्षीय बेटे और 19 वर्षीय बेटी ने इस सांसारिक मोह-माया को त्याग दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta Publish:Mon, 15 Apr 2024 05:10 PM (IST) Updated:Mon, 15 Apr 2024 05:10 PM (IST)
Gujarat: 200 करोड़ की संपत्ति कर दी दान..., अब बेटे-बेटी के नक्शे कदम पर चले माता-पिता; इस दिन संन्यासी बनेगा बिजनेसमैन का यह परिवार
गुजरात के बिजनेसमैन परिवार ने संयासी बनने के लिए कर दी 200 करोड़ की संपत्ति दान।

HighLights

  • गुजरात के बिजनेसमैन परिवार ने संयासी बनने के लिए कर दी 200 करोड़ की संपत्ति दान।
  • 22 अप्रैल को रिवरफ्रंट पर दीक्षा लेंगे दोनों पति और पत्नी

जागरण न्यूज नेटवर्क, साबरकांठा। गुजरात में साबरकांठा जिले के रहने वाले एक दंपती ने अपनी 200 करोड़ रुपयों की संपत्ति दान कर दी है। साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रहने वाले बिजनेसमैन भावेशभाई भंडारी और उनकी पत्नी जीनलबेन ने सांसारिक मोह-माया को त्याग दीक्षा लेने का फैसला किया है। दोनों पति और पत्नी 22 अप्रैल को रिवरफ्रंट पर दीक्षा लेंगे।  

बेटे और बेटी की नक्शे कदम पर माता-पिता

यह पहला मौका नहीं है, जब भावेशभाई भंडारी और उनकी पत्नी जीनलबेन ने यह मार्ग अपनाया है। दो साल पहले ही उनके 16 वर्षीय बेटे और 19 वर्षीय बेटी ने इस सांसारिक मोह-माया को त्याग दिया था। साल 2022 में बेटे और बेटी ने सूरत में दीक्षा ली। दीक्षा लेने के बाद बेटे का नाम सात्विक तिलक म.सा और बेटी का नाम साध्वीजी नंदिताश्रीजी म.सा. हो गया। अब अपने बेटे और बेटी की नक्शे कदम पर चलते हुए माता-पिता ने यह दीक्षा लेने का फैसला किया है।

मालूम हो कि  जैन समुदाय का सबसे बड़ा दीक्षा महोत्सव इस साल साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित किया गया है। इस दीक्षा के अवसर पर हिम्मतनगर के संघवी भंडारी के एक परिवार से दो लोग दीक्षा लेंगे।

करोड़ों की संपत्ति के हैं मालिक भावेशभाई भंडारी

भावेशभाई भंडारी और उनकी पत्नी जीनलबेन कोरोड़ों के मालिक हैं। हालांकि, अब उन्होंने अपनी 200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति दान कर दी है। व्यवसायी भावेशभाई के पास अहमदाबाद और हिम्मतनगर में करोड़ों की संपत्ति है। उनका स्कार्फ का व्यवसाय भी हिम्मतनगर में चलता है।  46 साल के भावेशभाई भंडारी और 42 साल की जिनलबेन भंडारी ने अपने कंस्ट्रक्शन व्यवसाय को छोड़कर दीक्षा ग्रहण कर अहमदाबाद में काम करने का निर्णय लिया है।

निकाली गई भव्य शोभा यात्रा

दीक्षा लेने जा रहे भावेशभाई ने साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में  4 किलोमीटर लंबा भव्य शोभा यात्रा निकाली। वह 22 अप्रैल को अहमदाबाद के पालडी में रिवर फ्रंट पर 35 लोग एक साथ संयमित जीवन की शुरुआत करेंगे, दीक्षा लेने वालों में हिम्मतनगर का भंडारी परिवार भी शामिल है।

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