Movie Review: अपने रिस्क पर देखें ‘पटाखा’, मिले केवल ‘इतने’ स्टार्स

अपनी रिस्क पर आप यह फ़िल्म देख सकते हैं..

By Hirendra JEdited By: Publish:Fri, 28 Sep 2018 10:14 AM (IST) Updated:Sat, 29 Sep 2018 07:07 AM (IST)
Movie Review: अपने रिस्क पर देखें ‘पटाखा’, मिले केवल ‘इतने’ स्टार्स
Movie Review: अपने रिस्क पर देखें ‘पटाखा’, मिले केवल ‘इतने’ स्टार्स

-पराग छापेकर

स्टार कास्ट: सुनील ग्रोवर, सान्या मल्होत्रा, राधिका मदान, विजय राज, सानंद वर्मा

निर्देशक: विशाल भारद्वाज

निर्माता: विशाल भारद्वाज, रेखा भारद्वाज व अन्य

‘मैं तेरा खून पी जाउंगी’, ‘मैं तुझे ज़िन्दा नहीं छोडूंगी’ आ...शोर शराबा! ढन..डन..टन ..यहां से फ़िल्म शुरू होती है।

दो बहनों की लड़ाई। आखिर वो लड़ क्यों रही हैं ये कहीं समझ नहीं आता?

अचानक एक बहन कहती है आ.. मैं अंधी हो गयी। एक कहती है आ.. मैं गूंगी हो गयी। अब इलाज क्या है?

डॉक्टर थक गए, हार गए। इलाज है- युद्ध।

आ.. ‘मैं तेरा खून पी जाउंगी’, ‘मैं तुझे मार डालूंगी’, ‘मैं तुझे कच्चा चबा जाउंगी’ ये डंडा इधर.. ये डंडा उधर..

मेडिकल साइंस को चैलेंज करते हुए एक की आंख वापस आ जाती है तो दूसरी की जुबां वापस आ जाती है।

बहुत ही शोर शराबा और फ़िल्म खत्म हो जाती है।

विशाल भारद्वाज इस बार राजस्थान के एक छोटे से गांव के इर्द गिर्द बुनी गयी एक कहानी ‘पटाखा’ लेकर आये हैं। ये दो बहनों चंपा उर्फ बड़की (राधिका मदान) और गेंदा उर्फ छुटकी (सान्या मल्होत्रा) की कहानी है, जो एक दूसरे से दूर होना चाहती हैं, लेकिन किस्मत उन्हें फिर साथ ला पटकती है। छुटकी और बड़की बचपन से ही आपस में बिना बात के खूब लड़ती हैं। जिसका विवरण आप ऊपर पढ़ चुके हैं। 

विशाल भारद्वाज इस फ़िल्म से अपने चाहने वालों को निराश करते हैं। एक दो सीन छोड़ दें तो यह फ़िल्म झेलना आसान नहीं। अपनी रिस्क पर आप यह फ़िल्म देख सकते हैं।

जागरण डॉट कॉम रेटिंग: पांच (5) में से दो (2) स्टार

अवधि: 2 घंटा 16 मिनट

chat bot
आपका साथी