Padmaavat Movie review: राजपूताना गरिमा, आन-बान और शान को सलाम करते हुए बाहर निकलेंगे (4 स्टार)

संजय लीला भंसाली हमेशा से ही लार्जर देन लाइफ सिनेमा बनाते रहे हैं। लेकिन पद्मावत उनके जीवन की सबसे बड़ी फिल्म है।

By Rahul soniEdited By: Publish:Tue, 23 Jan 2018 05:57 PM (IST) Updated:Wed, 24 Jan 2018 07:37 PM (IST)
Padmaavat Movie review: राजपूताना गरिमा, आन-बान और शान को सलाम करते हुए बाहर निकलेंगे (4 स्टार)
Padmaavat Movie review: राजपूताना गरिमा, आन-बान और शान को सलाम करते हुए बाहर निकलेंगे (4 स्टार)

- पराग छापेकर

मुख्य कलाकार: दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, शाहिद कपूर आदि।

निर्देशक: संजय लीला भंसाली 

निर्माता : संजय लीला भंसाली 

संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर जितने विवाद अब तक हुए हैं, वो कितने बेमानी थे, ये फिल्म देखने के बाद स्पष्ट हो जाता है। फिल्म में राजपूतों की गरिमा और मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला एक भी दृष्य नहीं है। शायद हंगामा करने वालों ने देखे बिना ही ज़्यादा विरोध करना शुरू कर दिया। फिल्म के अंत में आप राजपूताना गरिमा, वीरता और आन-बान और शान को सलाम करते हुए बाहर निकलते हैं। संजय लीला भंसाली हमेशा से ही लार्जर देन लाइफ सिनेमा बनाते रहे हैं, लेकिन पद्मावत उनके जीवन की सबसे बड़ी फिल्म है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में इतनी भव्य फिल्म अभी तक शायद ही कोई दूसरी बनी हो। शायद पहली बार एेसी फिल्म देखने को मिलेगी। इतनी भव्यता में भी संजय लीला भंसाली हर एक दृश्य की छोटी-छोटी डिटेल पर बारीक़ी से काम करते नज़र आते हैं।

भंसाली के कलर कॉम्बीनेशंस

संजय लीला भंसाली के कलर कॉम्बीनेशंस और उनका आर्ट डायरेक्शन सीन की भव्यता को और भी बड़ा कर देते हैं। उनकी हर फिल्म अलग टेक्सचर लिए होती है। इसमें उन्होंने राजस्थान के रंग को बख़ूबी पकड़ा है। हर दृष्य में परिपूर्णता उनकी ख़ासियत है। फिल्म का संगीत भी उन्होंने दिया है। एक निर्देशक और एक संगीतकार की जुगलबंदी उन्होंने बेहतरीन ढंग से निभाई है। गानों की फ्रिक्वेंसी थोड़ी ज़्यादा है, जो कि थोड़ी कम होती तो भी चल जाता।

दीपिका को पहचान नहीं पाएंगे

परफॉर्मेंस लेवल पर बात करें तो दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मिनी की हर एक चीज़ को इतना बख़ूबी आत्मसात किया है कि आप एक बार को भूल जाते हैं कि ये दीपिका हैं। वो हर दृष्य में रानी पद्मिनी ही लगती हैं। वहीं महारावल रतन सिंह बने शाहिद कपूर ने इस किरदार के लिए जमकर मेहनत की, जो पर्दे पर साफ़ नज़र आती है। मगर, इन सभी में उभर कर आता है खलनायक अलाउद्दीन खिलजी का किरदार। रणवीर सिंह को अभी तक नायक के किरदारों में देखा और पसंद किया है। पहली बार वो अपना खलनायकी वाला अंदाज़ हमारे सामने लेकर आए हैं और उन्होंने किस ढंग से खलनायक को गढ़ा है, वो वाकई काबिले-तारीफ़ है। इन तीनों मुख्य पात्रों के अलावा वेटरन एक्टर रज़ा मुराद की अदायगी भी अव्वल दर्जे़ की है। जलालुद्दीन खिलजी के किरदार को उन्होंने अपने अंदाज़ में जीवंत कर दिया है! साथ ही मेहरुन्निशां के किरदार में अदिति राव हैदरी ने भी कमाल का प्रदर्शन किया है। सभी किरदार अपने लिए एक अलग ही आभा रचते हैं और उसमें सफल भी नज़र आते हैं! 

बेहतरीन एडिटिंग और सिनेमेटोग्राफी 

फिल्म में भंसाली का ज़बर्दस्त डायरेक्शन तो है ही। वहीं, फिल्म की भव्यता को चार चांद इसकी एडिटिंग और सिनेमेटोग्राफी जैसी चीजें लगाती हैं। साथ ही कॉस्ट्यूम पर भी ज़बर्दस्त काम किया गया है जो फिल्म की भव्यता और बढ़ा देता है।  

जागरण डॉट कॉम रेटिंग: 5 में से 4 (चार) स्टार

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