रानी मुखर्जी को आती है 'हिचकी', तो परेशानियां इन हीरो की भी कम नहीं!

मर्दानी में अपने लात-मुक्कों का दमख़म दिखाने वाली रानी मुखर्जी 'हिचकी' में स्टैमरिंग करती हुई यानि हकलाती दिखायी देंगी।

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Fri, 12 Jan 2018 07:31 PM (IST) Updated:Sun, 14 Jan 2018 08:17 AM (IST)
रानी मुखर्जी को आती है 'हिचकी', तो परेशानियां इन हीरो की भी कम नहीं!
रानी मुखर्जी को आती है 'हिचकी', तो परेशानियां इन हीरो की भी कम नहीं!

मुंबई। समाज हो या सिनेमा, हीरो वो होता है, जो तमाम दुश्वारियों और दिक्कतों के बावजूद ज़माने को अपने क़दमों में झुकाने का माद्दा रखता हो। ऐसी कहानियां तब और असरदार हो जाती हैं, जब नायक या नायिका किसी शारीरिक या मानसिक परेशानी का शिकार हो। ऐस ही किरदारों से मुलाक़ात- 

मर्दानी में अपने लात-मुक्कों का दमख़म दिखाने वाली रानी मुखर्जी 'हिचकी' में स्टैमरिंग करती हुई यानि हकलाती दिखायी देंगी। 23 फरवरी को आ रही फ़िल्म में रानी एक टीचर के रोल में हैं, जिसे टॉरेट सिंड्रोम है। इसकी वजह से कुछ ख़ास परिस्थितियों में किरदार ठीक से बोल नहीं पाता। इसके बावजूद वो एक टीचर बनकर ऐसे बच्चों को पढ़ाती हैं, जो समाज के वंचित वर्ग से आते हैं। दिलचस्प बात ये है कि रानी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में ये राज़ खोला कि वो रियल लाइफ़ में भी स्टैमर करती हैं। वैसे फिज़िकली चैलेंज्ड किरदार निभाना रानी के लिए नया नहीं है। संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'ब्लैक' में रानी नेत्रहीन और मूक-बधिर किरदार निभा चुकी हैं।

टाइगर बनकर बॉक्स ऑफ़िस पर दहाड़ मार रहे सलमान ख़ान ने 2017 में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'ट्यूबलाइट' में मंदबुद्धि युवक का किरदार निभाया। फ़िल्म में उनके किरदार का निकनेम इसीलिए 'ट्यूबलाइट' होता है, क्योंकि वो मानसिक तौर पर दूसरों के मुक़ाबले कम फ़ुर्तीला है।

'जग्गा जासूस' में रणबीर कपूर का किरदार स्टैमरिंग करता हुआ दिखाया गया था। इसीलिए वो फ़िल्म में गाकर बोलता है, ताकि स्टैमर ना करे। 'बर्फ़ी' में रणबीर कपूर मूक-बधिर किरदार निभा चुके हैं। अनुराग बसु निर्देशित इस फ़िल्म में प्रियंका चोपड़ा ने ऑटिस्टिक करेक्टर प्ले किया था।

'माय नेम इज़ ख़ान' में शाह रुख़ ख़ान एस्पर्जर सिंड्रोम के पेशेंट बन चुके हैं। फ़िल्म में काजोल उनके अपोज़िट थीं। नागेश कुकुनूर की 'इक़बाल' में श्रेयस तलपड़े ने मूक-बधिर युवक का रोल प्ले किया था, जो क्रिकेटर बनना चाहता है। फ़िल्म में नसीरूद्दीन शाह ने उसके कोच का किरदार निभाया।

'कोई मिल गया' में रितिक रोशन ने मंदबुद्धि किरदार प्ले किया था, जबकि संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'गुज़ारिश' में रितिक ने क्वाड्रीप्लेजिक रोल निभाया था। उनका किरदार फ़िल्म में बेड रिडन दिखाया गया था, जो चल फिर भी नहीं सकता था।

 

'गुज़ारिश' की कहानी रितिक के किरदार की मर्सी किलिंग के लिए कानूनी लड़ाई पर आधारित थी। 'कमीने' में शाहिद कपूर का ज़िक्र करना भी ज़रूरी है। फ़िल्म में उन्होंने डबल रोल प्ले किया था। एक स्टैमर करता था, तो दूसरा 'श' को 'फ' बोलता था।

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