क्यों एक जैसी नहीं हैं सनी-बॉबी की 'पोस्टर बॉयज़' और 'शुभ मंगल सावधान'

8 सितंबर को रिलीज़ हो रही पोस्टर बॉयज़ की कहानी नसबंदी के सब्जेक्ट पर आधारित है। श्रेयस तलपड़े निर्देशित कॉमेडी फ़िल्म में सनी देओल और बॉबी देओल लीड रोल्स निभा रहे हैं।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Publish:Thu, 07 Sep 2017 01:02 PM (IST) Updated:Sun, 10 Sep 2017 08:22 AM (IST)
क्यों एक जैसी नहीं हैं सनी-बॉबी की 'पोस्टर बॉयज़' और 'शुभ मंगल सावधान'
क्यों एक जैसी नहीं हैं सनी-बॉबी की 'पोस्टर बॉयज़' और 'शुभ मंगल सावधान'

मुंबई। हिंदी सिनेमा में ऐसे इत्तेफ़ाक़ कई दफ़ा होते हैं, जब दो फ़िल्ममेकर्स एक ही सब्जेक्ट पर फ़िल्म प्लान कर रहे हों या बना रहे हों। ऐसा संयोग इस बार भी हो रहा है। कुछ फ़िल्में ऐसी आ रही हैं, जिनकी पृष्ठभूमि एक ही है, मगर कहानियां बिल्कुल अलग।

8 सितंबर को रिलीज़ हुई 'पोस्टर बॉयज़' की कहानी नसबंदी के सब्जेक्ट पर आधारित है। श्रेयस तलपड़े निर्देशित कॉमेडी फ़िल्म में सनी देओल और बॉबी देओल लीड रोल्स निभा रहे हैं। फ़िल्म में ख़ुद श्रेयस भी लीड करेक्टर्स में शामिल हैं। मज़ाकिया अंदाज़ में फ़िल्म नसबंदी को लेकर ज़रूरी बात करती है। इससे हफ़्ताभर पहले पहली सितंबर को रिलीज़ हुई 'शुभ मंगल सावधान' भी अमूमन ऐसे ही विषय पर बनी है। इस फ़िल्म में कॉमेडी के ज़रिए इरेक्टायल डिस्फंक्शन यानि मर्दाना कमज़ोरी के मुद्दे को उठाया गया। आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर ने लीड रोल्स निभाये।

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8 सितंबर को ही अर्जुन रामपाल की फ़िल्म डैडी रिलीज़ हो रही है। ये फ़िल्म गैंगस्टर से पॉलिटिशियन बने अरुण गवली की बायोपिक फ़िल्म है। अशीम अहलूवालिया निर्देशित फ़िल्म में अर्जुन गवली के रोल में हैं। 22 सितंबर को आ रही अपूर्व लखिया की हसीना पारकर भी गैंगस्टर और बायोपिक फ़िल्म है। इन दोनों फ़िल्मों की कहानी का एरा भी तक़रीबन एक ही है। श्रद्धा कपूर हसीना पारकर के रोल में हैं, जबकि उनके भाई सिद्धांत कपूर दाऊद इब्राहिम के रोल में दिखेंगे। वैसे इनका रियल लाइफ़ कनेक्शन भी है. हसीना के शौहर इस्माइल पारकर की हत्या अरुण गवली ने दाऊद इब्राहिम संग गैंगवार के चलते ही की थी, जिसके बाद हसीना गैंगस्टर बनी. 

पहली सितंबर को रिलीज़ हुई मिलन लूथरिया की फ़िल्म बादशाहो इमरजेंसी पीरियड के दौरान हुई ख़ज़ाने की लूट पर आधारित फ़िल्म है, जिसमें अजय देवगन, इमरान हाशमी, इलियाना डिक्रूज़, ईशा गुप्ता, विद्युत जाम्वाल, संजय मिश्रा और शरद केलकर ने मुख्य किरदार निभाये। मधुर भंडारकर की फ़िल्म इंदु सरकार की पृष्ठभूमि भी इमरजेंसी ही थी, लेकिन कहानी एकदम अलग रही। इंदु सरकार एक ऐसे परिवार की कहानी थी, जो आपातकाल की ज़्यादतियों का शिकार बनता है।

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'पैडमैन' और 'फुल्लू' वैसे तो बिल्कुल अलग फ़िल्मे हैं, मगर कांसेप्ट के आधार पर इन दोनों में भी समानता है। 'पैडमैन' में अक्षय कुमार लीड रोल निभा रहे हैं। ये सेनिटरी पैड बनाने वाले शख़्स की कहानी है। वहीं 'फुल्लू' में भी ऐसे ही शख़्स की कहानी दिखायी गयी है। इस फ़िल्म में शारिब हाशमी ने लीड रोल निभाया। फुल्लू 6 अक्टूबर को फिर से रिलीज़ की जा रही है।

 

रणबीर कपूर के कज़िन आदर जैन 'क़ैदी बैंड' से बॉलीवुड में अपना करियर शुरू किया। यशराज बैनर की इस फ़िल्म को हबीब फ़ैज़ल ने डायरेक्ट किया। फ़िल्म की कहानी कुछ अंडरट्रायल्स के इर्द-गिर्द घूमती है जो जेल में रहते हुए बैंड बनाते हैं और मशहूर हो जाते हैं। कुछ-कुछ यही कहानी है फ़रहान अख़्तर की फ़िल्म 'लखनऊ सेंट्रल' की, जिसमें वो एक सज़ायाफ़्ता कै़दी के रोल में हैं और जेल में रहते हुए एक रॉक बैंड बनाते हैं। इस फ़िल्म को डेब्यूटेंट रंजीत तिवारी डायरेक्ट कर रहे हैं।

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