इमोशनली ज्यादा स्ट्रांग होती हैं लड़कियां

मुंबई। जाने तू या जाने ना में मेघना के किरदार ने मंजरी फड़नीस को भरपूर पॉपुलैरिटी दी। उसके बावजूद उस वक्त फिल्में बटोरने के बजाय उन्होंने अपनी पढ़ाई को तरजीह दी। मनपसंद काम करने की चाहत में साउथ की इंडस्ट्री में कदम रखा। वह अब 'ग्रैंड मस्ती' और 'वॉर्निग' से हिंदी फिल्मा

By Edited By: Publish:Thu, 05 Sep 2013 11:37 AM (IST) Updated:Thu, 05 Sep 2013 11:39 AM (IST)
इमोशनली ज्यादा स्ट्रांग होती हैं लड़कियां

मुंबई। जाने तू या जाने ना में मेघना के किरदार ने मंजरी फड़नीस को भरपूर पॉपुलैरिटी दी। उसके बावजूद उस वक्त फिल्में बटोरने के बजाय उन्होंने अपनी पढ़ाई को तरजीह दी। मनपसंद काम करने की चाहत में साउथ की इंडस्ट्री में कदम रखा। वह अब 'ग्रैंड मस्ती' और 'वॉर्निग' से हिंदी फिल्मों में वापसी कर रही हैं।

मंजरी कहती हैं, 'जाने तू..' के बाद मुझे फिल्में ऑफर हो रहीं थीं, पर मेरी तत्कालीन प्राथमिकताएं कुछ और थीं। मैं पढ़ाई पूरी करने के साथ ही अपने मिजाज की फिल्में करना चाहती थी। वैसा न होने पर मैंने अपने कदम साउथ की फिल्मों की ओर मोड़े। सौभाग्य से वहां की फिल्मों ने मुझे पूरा सपोर्ट किया। उनका फायदा यह हुआ कि हिंदी में मुझे अपने मिजाज की फिल्में करने और बाकी छोड़ने में सहूलियत हुई।'

'ग्रैंड मस्ती' स्वीकार करने की वह वजह बताती हैं, 'एक वजह तो यह थी कि मेरी शुरू से ख्वाहिश थी कि मुझे कॉमेडी जॉनर की फिल्म करनी है। दूसरी वजह, फिल्म के निर्देशक इंद्र कुमार थे। उनकी 'इश्क', 'राजा' और 'दिल' की तो मैं दीवानी थी। इत्तफाकन उन्हें 'जाने तू..' में मेरा मेघना का किरदार बहुत पसंद था। इस तरह 'ग्रैंड मस्ती' में अभिनय को लेकर बात बन गयी। 'ग्रैंड मस्ती' में मैं पूजा-पाठ में यकीन करने वाली एक घरेलू युवती तुलसी बनी हूं। वह आफताब के किरदार प्रेम की पत्नी है। वह पूजा-पाठ में इतनी व्यस्त रहती है कि अपने पति प्रेम के लिए वक्त ही नहीं निकाल पाती। उसके चलते उनके बीच संबंध बनते-बिगड़ते रहते हैं। नतीजतन प्रेम 'घरवाली' के बजाय 'बाहरवाली' की ओर कदम बढ़ाने लगता है।'

दिलफेंक किस्म का स्वभाव मर्दो में ज्यादा क्यों होता है? मेघना कहती हैं, 'लड़कियों की परवरिश कुछ इस किस्म से होती है कि वे लड़कों के मुकाबले ज्यादा लॉयल होती हैं। हालांकि अब हर केस में वैसा नहीं है। फिर लड़कियों के मुकाबले लड़के इमोशनली कुछ कमजोर होते हैं। लिहाजा मनमुताबिक पत्‍‌नी न मिलने की सूरत में उनके कदम बहकते हैं।'

मेघना अपने अगले प्रोजेक्ट के बारे में बताती हैं, 'यह सुखद संयोग है कि 'ग्रैंड मस्ती' के तुरंत बाद मेरी अगली फिल्म 'वॉर्निग' रिलीज होगी। उस फिल्म की कहानी, लोकेशन सहित सभी कुछ कमाल का है। पूरी फिल्म फिजी के समंदर और वहां की खूबसूरत वादियों में शूट हुई है। वहां से तो आने का दिल ही नहीं कर रहा था। उस फिल्म के लिए थ्री डी कैमरे खास तौर पर ब्रिटिश एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन आ‌र्ट्स से मंगवाए गए हैं। समंदर में सांप, शॉर्क और दूसरे समुद्री जीवों के साथ रहकर काम करना बड़ा रोमांचक था। मैं वह लाइफ टाइम एक्सपीरिएंस नहीं गंवाना चाहती थी, इसलिए उस फिल्म को हां कहा। फिल्म का कंटेंट और उसकी पिक्चराइजेशन पूरी तरह ग्लोबल फील देगी।'

मंजरी आगे कहती हैं, 'साउथ और हिंदी फिल्मों के बीच मैं संतुलन साधती रहूंगी। 'वॉर्निग' के बाद मेरी फिल्म 'वाह ताज' आएगी। शादी अभी दूर की कौड़ी है। मेरा पूरा ध्यान सिर्फ अपने काम पर है।'

अमित कर्ण

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