हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में यह बदलाव चाहते हैं अक्षय कुमार, दक्षिण सिनेमा की तारीफों के बांधे पुल
अक्षय उन सुपर स्टार्स में से एक हैं, जो हमेशा सुबह जल्दी उठ कर जल्दी काम खत्म कर रात में जल्दी सोने की आदत रखते हैं.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. अक्षय ने रजनीकांत के साथ उनकी फिल्म 2.0 में काम किया है. फिल्म इस हफ्ते रिलीज हो गई है. जागरण डॉट कॉम ने जब उनसे ये जानने की कोशिश की कि वह किन फिल्मों में अक्षय कुमार का मानना है कि दक्षिण सिनेमा की कुछ बातें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को जरूर सीखनी चाहिए.
अक्षय कहते हैं कि उन्हें लगता है कि वहां के लोग वक़्त को बहुत तवज्जो देते हैं. वह हर किसी के वक़्त की इज्जत करते हैं और सारा काम जल्दी पूरा करते हैं. वहीं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में लोगों को यह प्रॉब्लम है कि अब भी हमलोग वक्त को उतनी तवज्जो नहीं देते हैं. वहीं अक्षय यह भी कहते हैं कि उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी इंडस्ट्री ही एक मात्र इंडस्ट्री है, जहां हम स्टार खुद को बहुत महान समझते हैं. यही ऐसा होता है कि जो प्रोडूसर होता है, वह वैनेटी में नहीं होता. जिसने मुझे कुछ वैनेटी दी है. वो अंदर नहीं होता. लेकिन स्टार होता है. जबकि सारे पैसे तो उनके लगते हैं, हमारे लिए. कोई अगर स्टार से पूछने भी आये कि वो प्रोड्यूसर आये हैं सर आपसे मिलने, तो हम स्टार्स कह देते हैं कि उनको बोलो बाहर बैठे, आता हूं. जबकि हम ये भूल जाते हैं कि वो क्यों बाहर बैठे, वैनिटी उसी ने दी है.
अक्षय कहते हैं कि ये मैं व्यक्तिगत तौर पर चाहता हूं कि प्रोडूसर को अंदर होना चाहिए, आपको बाहर. यह चीज जरूर बदलनी चाहिए. ये जिस दिन बदलाव होगा, तो इंडस्ट्री में खुद ब खुद टाइम मैनेजमेंट सीख जायेंगे, स्टार्सवक़्त की कद्र करने लगेंगे. अक्षय कहते हैं कि हमें यहां लोगों को फॉर ग्रांटेड लेना और उनके वक़्त को अपनी वजह से बर्बाद करने वाली आदत को जरूर बदलनी चाहिए.
बता दें कि अक्षय उन सुपर स्टार्स में से एक हैं, जो हमेशा सुबह जल्दी उठ कर जल्दी काम खत्म कर रात में जल्दी सोने की आदत रखते हैं.
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