अक्षय कुमार इसलिए हर फ़िल्म में बदल देते हैं अपनी हीरोइन, जानिए वजह

'जॉली एलएलबी 2' में अक्षय पहली बार हुमा कुरैशी के साथ देखे गए। वहीं 'टॉयलेट- एक प्रेम कथा' में वो भूमि पेडनेकर के साथ आ रहे हैं, वहीं पैडमैन में उनकी लीडिंग लेडी राधिका आप्टे हैं।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Publish:Wed, 17 May 2017 03:33 PM (IST) Updated:Sun, 27 Aug 2017 10:43 AM (IST)
अक्षय कुमार इसलिए हर फ़िल्म में बदल देते हैं अपनी हीरोइन, जानिए वजह
अक्षय कुमार इसलिए हर फ़िल्म में बदल देते हैं अपनी हीरोइन, जानिए वजह

मुंबई। पिछले कुछ सालों में रिलीज़ होने वाली अक्षय कुमार की फ़िल्मों पर अगर ग़ौर करें, तो एक समानता देखने को मिलती है। लगभग हर फ़िल्म में अक्षय एक नई हीरोइन के साथ पेयर अप होते हैं, जो स्टारडम के मामले में उतनी मशहूर नहीं होती, जितने ख़ुद अक्षय हैं। इसके पीछे क्या वजह हो सकती हैं?

अगले साल रिलीज़ के लिए स्लेटेड पैडमैन में अक्षय कुमार की लीडिंग लेडी राधिका आप्टे हैं। ये दोनों पहली बार साथ आ रहे हैं। आर बाल्की निर्देशित ये एक बायोपिक फ़िल्म है, जो कम क़ीमत के सेनेटरी पैड बनाने वाले अरुणाचलम मुरुगानंथम पर आधारित है।

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इस फ़िल्म में अक्षय के साथ सोनम कपूर भी दिखायी देंगी, जो इससे पहले थैंक यू में उनके साथ नज़र आ चुकी हैं। हालांकि पैडमैन में सोनम का स्पेशल एपीयरेंस ही बताया जा रहा है।

टॉयलेट- एक प्रेम कथा में अक्षय कुमार भूमि पेडनेकर के साथ नज़र आ रहे हैं। स्वच्छता अभियान को समर्पित इस फ़िल्म को श्री नारायण सिंह ने डायरेक्ट किया है।

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रिलीज़ हो चुकी फ़िल्म 'जॉली एलएलबी 2' में अक्षय कुमार पहली बार हुमा कुरैशी के साथ देखे गये। सुभाष कपूर डायरेक्टेड इस फ़िल्म में अक्षय ने वकील की भूमिका निभायी।

2016 में भी अक्षय की तीन फ़िल्में आईं थीं। साजिद फ़रहाद निर्देशित 'हाउसफुल 3' में वो जैकलीन फर्नांडिस के साथ पेयर्ड अप हुए। जैकलीन के साथ अक्षय की दूसरी फ़िल्म थी। इससे पहले वो उनके साथ ब्रदर्स में पेयर अप हुए थे।

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राजा कृष्ण मेनन की फ़िल्म 'एयरलिफ़्ट' में निमरत कौर उनकी लीडिंग लेडी बनीं। ये फ़िल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित थी।

'रुस्तम' में इलियाना डिक्रूज़ के साथ अक्षय की जोड़ी बनी। टीनू सुरेश देसाई निर्देशित फ़िल्म मशहूर नानावटी केस पर आधारित थी।

2015 में 'ब्रदर्स' के अलावा अक्षय की तीन और फ़िल्में आईं- 'बेबी', 'सिंह इज़ ब्लिंग' और 'गब्बर इज़ बैक' और तीनों में उनके ऑपोज़िट फ़्रेश फेसेज़ ही थे। नीरज पांडेय की 'बेबी' में अक्षय के अपोज़िट मधुरिमा टुली नज़र आयीं। अक्षय फ़िल्म में सीक्रेट एजेंसी के अधिकारी बने थे।

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प्रभु देवा निर्देशित 'सिंह इज़ ब्लिंग' में एमी जैक्सन पहली बार अक्षय के साथ नज़र आयीं। हिंदी सिनेमा में एमी की ये दूसरी फ़िल्म थी।

'गब्बर इज़ बैक' में श्रुति हासन अक्षय की हीरोइन बनीं। हालांकि कृष निर्देशित इस फ़िल्म में उनकी पत्नी के रोल में करीना कपूर ने गेस्ट एपीयरेंस दी थी।

2011 में रोहित धवन निर्देशित देसी बॉयज़ में अक्षय कुमार पहली बार चित्रांगदा सिंह के साथ पेयर अप हुए।

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तक़रीबन हर फ़िल्म में एक नए चेहरे के संग काम करने के बारे में जब एक इवेंट में अक्षय से पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था- ''नए चेहरों के साथ काम करने के लिए उन्हें जो बात प्रेरित करती है, वो है बदलाव। अपने करियर को लंबा चलाने के लिए अपने दर्शकों को बांधे रखना ज़रूरी है। जब मैं किसी नई एक्ट्रेस के साथ काम करता हूं तो दर्शकों को ये अंदाज़ा नहीं होता कि उनके साथ फ़िल्म में मेरा कनेक्शन कैसा होगा।''

वैसे एक्ट्रेसेज को रिपीट ना करने का फॉर्मूला अपनाने से एक फ़ायदा ये भी है कि फ़िल्म के केंद्र में अक्षय ही रहते हैं। साथ ही एक्ट्रेसेज के साथ नाम जुड़ने की समस्या भी ख़त्म हो जाती है, जिससे ग़ैरज़रूरी गॉसिप को हवा नहीं मिलती।

एक्ट्रेसेज़ की मौजूदा जनरेशन में सिर्फ़ सोनाक्षी सिन्हा ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिनके साथ अक्षय ने तीन फ़िल्में 'राउड़ी राठौड़', 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा' और 'हॉलीडे' में काम किया है।

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