नेताजी को मेरे पिता के खिलाफ भड़काया गया : अक्षय

राम गोपाल यादव के सांसद बेटे अक्षय यादव ने कहा कि मेरे पिता के बारे में नेताजी को भड़काया गया, मगर उन्होंने साबित कर दिया कि मेरे पिता पार्टी के सच्चे हितैषी हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 24 Jan 2017 11:34 AM (IST) Updated:Tue, 24 Jan 2017 12:01 PM (IST)
नेताजी को मेरे पिता के खिलाफ भड़काया गया : अक्षय
नेताजी को मेरे पिता के खिलाफ भड़काया गया : अक्षय

फीरोजाबाद (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी में अब अखिलेश यादव युग का नया अध्याय शुरू हो चुका है। उनके साइकिल सिंबल जीतने के बाद पार्टी में प्रोफेसर रामगोपाल यादव एक बार फिर बड़ी ताकत बनकर सामने आए हैं। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह अब संरक्षक की भूमिका में हैं।

समाजवादी पार्टी पर फीरोजाबाद में प्रोफेसर राम गोपाल यादव के सांसद बेटे अक्षय यादव ने जागरण के डॉ. राहुल सिंघई से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मेरे पिता के बारे में नेताजी को भड़काया गया, मगर उन्होंने साबित कर दिया कि मेरे पिता पार्टी के सच्चे हितैषी हैं। कुछ लोग नेताजी की उम्र का फायदा उठाकर मनमानी कर रहे थे, जो एक्सपोज हो गए। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश..

सवाल-पार्टी में युवाओं का युग शुरू हो गया, अब बुजुर्गों का क्या होगा?

अक्षय- यह तो 2012 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही हो गया था। पार्टी में जब कुछ लोगों ने षड्यंत्र किया तो अखिलेश यादव को सामने आकर खुद कमान संभालनी पड़ी। अब पार्टी में सब ठीक है।

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सवाल- माना जा रहा है कि मुलायम सिंह से समझौते के बाद भी उनकी सिफारिश नहीं मानी। टिकट रामगोपाल यादव ने फाइनल की और शिवपाल समर्थकों को निशाना बनाया?

अक्षय- यह ठीक बात नहीं। नेताजी ने जो सूची दी थी, उसमें से जिताऊ लोगों को टिकट दिए हैं। शिवपाल समर्थकों जैसी कोई बात नहीं है। टिकट अकेले मेरे पिता ने फाइनल नहीं की। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने प्रत्याशियों का चयन किया है।

सवाल- प्रो.यादव को जब पार्टी से निलंबित किया था, तब आपने शिवपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोला था, अब क्या स्थिति है?

अक्षय- वह तब की बात थी। लोगों ने नेताजी को मेरे पिता के खिलाफ भरा। जगह-जगह मेरे पिता को बुरा भला कहा। यहां तक कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए कुछ नहीं किया। जब लगातार चोट मारते रहे हैं, तो प्रतिक्रिया आएगी। इसी कारण मैंने एक पत्र के माध्यम से हकीकत का खुलासा किया था। अब वो पुरानी बात हो गई। परिवार में चार बर्तन होते हैं, तो खटकते हैं।

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सवाल- पार्टी में अब शिवपाल यादव की क्या भूमिका होगी?

अक्षय-वह हमारे चाचा हैं और चुनाव लड़ रहे हैं। हमें पूरे परिवार का प्यार और आशीर्वाद है। सब ठीक है।

सवाल - यह कहा जाता है कि सपा में जो बदलाव हुआ उसकी प्लानिंग प्रोफेसर रामगोपाल यादव की थी। अखिलेश को उन्होंने बहकाया है?

अक्षय- सपा में पार्टी बनने से लेकर अब तक काम किया। नेताजी को भर दिया कि रामगोपाल ने कुछ नहीं किया और स्थिति बदली। मेरे पिता ने साबित कर दिया। 1992 में पार्टी को सिंबल दिलाने में पूरी मेहनत की थी। मेरे पिता का लगाव सपा, नेताजी और अखिलेश यादव से हैं। उनकी लड़ाई सिद्धांतों की लड़ाई थी। उन्हें पता था कि अखिलेश यादव ही पार्टी को आगे ले जा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने उनका साथ दिया। पिता महत्वाकांक्षी नहीं पार्टी के शुभचिंतक हैं।

सवाल- टिकट कटने से कुछ नेता बागी हो गए हैं, वे पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, कैसे निपटेंगे?

अक्षय- पार्टी नेताओं को समझना चाहिए कि जीतना जरूरी है। जसराना में रामवीर यादव चार बार जीते। अब नया युग आ रहा है तो उन्ह बड़प्पन दिखाना चाहिए था। पार्टी के खिलाफ जाने वालों पर नेतृत्व कार्रवाई करेगा।

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सवाल- जिला पंचायत आगरा के अधिकारी ने आरोप लगाया कि टिकट का आश्वासन देकर इस्तीफा दिला दिया, अब टिकट नहीं दिया

अक्षय- हम सबसे कहते हैं, तैयारी करो। समय आने पर जो जीत की हैसियत रखता है, टिकट उसको दी जाती है। यह गलत है कि प्रोफेसर साहब ने इस्तीफा दिलवाया।

सवाल- कांग्रेस के गठबंधन का क्या असर हो पाएगा। जब आप विकास दिखाकर वोट मांग रहे हैं, तो इसकी जरूरत क्या थी?

अक्षय- पिछली बार 2012 में सपा ने 28 फीसद वोट के साथ 227 सीटें जीतीं। कांग्रेस का चार फीसद से ज्यादा वोट परसेंट हैं। हमारा गठबंधन 32 से 34 परसेंट वोट हासिल करेगा। 325 से ज्यादा सीटें जीतेगा। गठबंधन केवल प्रदेश नहीं देश को बचाने के लिए किया है।

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