जानिए, गुजरात में वह तीन देवियां कौन हैं जिनकी दावेदारी से राजनीतिक दल दबाव में हैं

रिवाबा अनार व रेशमा ऐसी तीन महिला नेता हैं जो जामनगर अहमदाबाद पूर्व व पोरबंदर सीट से तगडी दावेदार हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 06:48 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 09:13 PM (IST)
जानिए, गुजरात में वह तीन देवियां कौन हैं जिनकी दावेदारी से राजनीतिक दल दबाव में हैं
जानिए, गुजरात में वह तीन देवियां कौन हैं जिनकी दावेदारी से राजनीतिक दल दबाव में हैं

अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। भाजपा व कांग्रेस गुजरात में लोकसभा चुनाव की तैयारियों व प्रत्याशियों के चयन को लेकर जोरदार तैयारियां कर रहे हैं। टिकटों पर दावेदारी के लिए जहां नेता ऐडी चोटी का जोर लगा रहे हैं वहीं तीन ऐसी महिला नेता भी हैं जो गैर-राजनीतिक होकर भी राजनीतिज्ञों को छका रही हैं। क्रिकेटर रवींद्र जाडेजा की पत्नी रिवाबा, मप्र की राज्यपाल आनंदीबेन की पुत्री अनार तथा पाटीदार नेता रेशमा पटेल तीन अलग अलग सीटों की दावेदार के रूप में उभरी हैं।

गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गत दिनों गुजरात के दौरे पर थीं,माना जा रहा है कि वे खुद अथवा पुत्री अनार पटेल के लिए लोकसभा का टिकट चाहती हैं। गत विधानसभा चुनाव के दौरान घाटलोडिया विधानसभा सीट से अनार पटेल के चुनाव लडने की संभावना थी लेकिन ऐन मौके पर उनका टिकट कट गया था।

दरअसल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व पूर्व सीएम आनंदी बेन के गुट में खींचतान के चलते ऐसा हुआ बताया। पूर्वी अहमदाबाद अथवा उत्तर गुजरात की किसी सीट से अनार को मैदान में उतारे जाने की अटकलें चल रही है। भाजपा सांसद पूनम माडम शुक्रवार को जामनगर में भाजपा के निरीक्षक केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, राजकोट महापौर बीना आचार्य व वरिष्ठ नेता रमण वोरा के समक्ष पेश होकर अपनी दावेदारी जताई।

क्रिकेटर रवींद्र जाडेजा की पत्नी रिवाबा के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके जामनगर से चुनाव लडने की चर्चाएं तेज हो गई हैं, रिवाबा की दावेदारी पूनम को रास नहीं आ रही है लेकिन क्रिकेट व राजनीति की चमक के चलते अब रिवाबा सांसद माडम पर भारी पड रही है।

पाटीदार महिला नेता रेशमा पटेल ने एक दिन पहले ही भाजपा की सदस्यता छोडते हुए पोरबंदर से लोकसभा चुनाव लडने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस व एनसीपी का गठबंधन होने की सूरत में वे एनसीपी की उम्मीदवार हो सकती है अन्यथा निर्दलीय चुनाव लडना तय है।

आरक्षण आंदोलन के दौरान लंबे समय तक पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ ही रेशमा विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थी। शुक्रवार को उन्होंने भाजपा को सबसे बडी मार्केटिंग कंपनी बताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

रेशमा का आरोप है कि भाजपा में उनका इस्तेमाल सेल्समेन व सेल्सपर्सन की तरह पार्टी व सरकार की गलत नीतियों की मार्केटिंग करने का रहा गया था। बतौर प्रवक्ता भाजपा की हर गलती को छिपाकर जनता को गुमराह करने का ही काम उनसे कराया जाता था।

रिवाबा, अनार व रेशमा ऐसी तीन महिला नेता हैं जो जामनगर, अहमदाबाद पूर्व व पोरबंदर सीट से तगडी दावेदार हैं, अब देखना यह होगा कि पार्टियां उनकी दावेदारी का किस हद तक समर्थन करती हैं।

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