UP Lok Sabha Election 2019 : बसपा वोटरों को रिझाने में विफल साबित रहे सपाई

न तो बसपा सुप्रीमो व पूर्व सीएम मायावती और न ही बसपा का कोई बड़ा नेता प्रत्‍याशियों के समर्थन में आ सका। बसपा कार्यकर्ताओं में अपेक्षा के अनुरूप सक्रियता भी नहीं दिखी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 01:47 AM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 12:27 PM (IST)
UP Lok Sabha Election 2019 : बसपा वोटरों को रिझाने में विफल साबित रहे सपाई
UP Lok Sabha Election 2019 : बसपा वोटरों को रिझाने में विफल साबित रहे सपाई

प्रयागराज, [शरद द्विवेदी] । प्रदेश में सपा-बसपा का गठबंधन तो हो गया, लेकिन वोटरों तक उसका प्रभावी संदेश देने में इनके नेता विफल रहे। बसपा कार्यकर्ताओं में वह सक्रियता नजर नहीं आई जो उनके खुद के प्रत्याशी के चुनाव में दिखती है। जनसभाओं, रोड शो व बैठकों में जहां सपा नेता व कार्यकर्ताओं ने पूरा जोर लगाया। वहीं बसपा के चंद नेता ही उसमें नजर आए। इससे बसपा के अनुसूचित जाति के साथ अल्पसंख्यक वोटरों के अपेक्षानुरूप पोलिंग बूथ तक न पहुंचने से बाजी उलट गई। इससे फूलपुर व इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में सपा प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा।

 इलाहाबाद व फूलपुर संसदीय क्षेत्र में सपा प्रत्याशी ही थे 

सपा-बसपा गठबंधन में इलाहाबाद से राजेंद्र सिंह पटेल और फूलपुर संसदीय क्षेत्र से पंधारी यादव प्रत्याशी बनाए गए। दोनों प्रत्याशी सपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे थे। सपा-बसपा के जातीय समीकरण देखा जाए तो बाजी इन्हीं के हाथ होनी चाहिए, लेकिन वैसा हुआ नहीं। स्थिति यह रही कि दोनों प्रत्याशियों की मांग के बावजूद बसपा प्रमुख मायावती की सभा प्रयागराज में नहीं हो सकी। और न ही बसपा का कोई बड़ा नेता यहां प्रचार करने आया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मंच पर बसपा के चंद नेता ही नजर आए। सपा की वरिष्ठ नेता व अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिंपल यादव व राज्यसभा सदस्य जया बच्चन के रोड शो में बसपा कार्यकर्ताओं की सक्रियता नगण्य रही। 

सपा कार्यकर्ता ही पूरे जोश-खरोश में दिखे

यही नहीं, हर जनसंपर्क व रोड शो में सिर्फ सपा कार्यकर्ता ही पूरे जोश-खरोश में दिखे। इसके चलते बसपा के वोटरों में गठबंधन का उचित संदेश नहीं पहुंच पाया, जिससे वोट देने में उनकी रुचि कम देखी गई। सपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय कुशवाहा का कहना है कि जिले में हमारे अध्यक्ष अखिलेश के साथ बसपा प्रमुख मायावती की सभा होनी चाहिए थी। इससे बसपा के वोटरों में गठबंधन का प्रभावी संदेश जाता। ऐसा न होने से परिणाम प्रभावित हुआ। 

बोले जिला प्रवक्ता, हमें अपेक्षा के अनुरूप उनका वोट नहीं मिला 

जिला प्रवक्ता दानबहादुर मधुर व डॉ. अमर बहादुर यादव का कहना है कि चुनाव में बसपा के नेता तो सक्रिय थे, लेकिन उनके वोटर गठबंधन के महत्व को नहीं समझ पाए, जिससे हमें अपेक्षा के अनुरूप उनका वोट नहीं मिला। चूक कहां हुई, उसकी पड़ताल की जाएगी।

बसपा के जिलाध्‍यक्ष बोले, सक्रियता में कोई कमी नहीं रही

वहीं बसपा के जिलाध्यक्ष आरके गौतम का कहना है कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करके चुनाव में जीत हासिल की है। ईवीएम में गड़बड़ी करके मतों का भारी हेरफेर किया गया है। इसके चलते भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है। रही बात बसपाइयों की सक्रियता की तो उसमें कोई कमी नहीं रही।

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