यहां चुनावी मैदान में हैं केवल सात प्रत्याशी, लेकिन सुरक्षा के लिए तैनात हैं 80 हजार जवान

छत्तीसगढ़ के बस्तर में बेखौफ मतदान के लिए चुनाव आयोग ने पूरी ताकत झोंक दी है। दंतेवाड़ा में नक्सली हमले के बाद सुरक्षा में युद्ध स्‍तर पर कई अहम बदलाव किए गए हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 01:14 PM (IST) Updated:Thu, 11 Apr 2019 01:14 PM (IST)
यहां चुनावी मैदान में हैं केवल सात प्रत्याशी, लेकिन सुरक्षा के लिए तैनात हैं 80 हजार जवान
यहां चुनावी मैदान में हैं केवल सात प्रत्याशी, लेकिन सुरक्षा के लिए तैनात हैं 80 हजार जवान

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में धुर नक्सल प्रभावित बस्तर संसदीय सीट के लिए मतदान हो रहे हैं। मंगलवार को नक्सल हमले में विधायक भीमा मंडावी की हत्या व चार जवानों के शहीद होने के बाद निर्वाचन आयोग ने बेखौफ मतदान कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया गया है। बस्तर संभाग में 10 हजार पैरामिलिट्री के जवान और तैनात किए गए हैं। साथ ही रिजर्व फोर्स को हाई अलर्ट कर दिया गया है।

एक लोकसभा क्षेत्र के लिए जहां सात प्रत्याशी मैदान में हैं, वहीं सुरक्षा व्यवस्था के लिए अस्सी हजार जवान तैनात किए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू के अनुसार बस्तर में नक्सल हमले के पूर्व से ही 40 हजार सीआरपीएफ के जवान लगाए गए हैं। 40 हजार पुलिस बल की भी तैनाती की गई है। उधर, बस्तर आइजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि बूथों और उसके आसपास के गांवों में भी फोर्स तैनात रहेगी।

कुछ चुनिंदा प्वाइंट हैं, जहां विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। नक्सल हमले के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने भी बस्तर संभाग में ही डेरा डाल रखा है। गुरुवार को बस्तर संसदीय सीट के लिए 1878 पोलिंग बूथों पर मतदान किया जा रहा है। इनमें 1332 बूथ संवेदनशील हैं। इसके लिए 9,145 मतदान अधिकारी, कर्मचारी तैनात किए गए हैं। 

महिलाओं ने भी संभाला मोर्चा :

बस्तर में 880 मतदान केंद्रों पर 80 महिला पीठासीन अधिकारी व 379 महिला मतदान कर्मी तैनात की गई हैं। यह नक्सल खौफ को धता बताकर शांतिपूर्ण मतदान कराने में अपनी भूमिका निभा रही हैं।

दक्षिण बस्तर की सीमाएं सील :

दक्षिण बस्तर की सीमाएं सील कर दी गई हैं और सीमा से सटे इलाकों में अन्य राज्यों की फोर्स के साथ संयुक्त गश्त की जा रही है। जंगल में आसमान से भी नजर रखी जा रही है।

सीएम ने किया फ्री हैंड, कहा- गोली का जवाब गोली से दो :

दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों को नक्सलियों से निपटने के लिए फ्री हैंड दे दिया है। उन्होंने कहा है कि गोली का जवाब गोली से दिया जाए। दंतेवाड़ा में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा की समीक्षा की गई। इस बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी समेत पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। पोलिंग पार्टियों को बूथों तक पहुंचाने से पहले संवेदनशील इलाकों में रोड की सर्चिंग कराई गई। हर मार्ग को सेनेटाइज करने के लिए बाद ही मतदान दलों को भेजा गया।

बम डिस्पोजल यूनिट से लेकर ड्रोन तक की मदद :

दंतेवाड़ा समेत दक्षिण बस्तर के तीनों जिलों में बम डिस्पोजल यूनिटों को रास्तों पर तैनात किया गया है। स्निफर डॉग यूनिट भी तैनात हैं। ड्रोन कैमरों से नक्सलियों की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है। अन्य राज्यों से सटी सीमा पर आने-जाने वालों की सख्ती से तलाशी ली जा रही है।

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