RJD नेता फातमी बोले- डॉ. शकील को कांग्रेस से मिला सिंबल तो नहीं करेंगे नामांकन

पार्टी छोडऩे के लिए नेतृत्व को दिया 18 अप्रैल तक का समय पुराने रिश्तों की दी दुहाई कहा- तीस साल तक की है पार्टी की खिदमत। डॉ. शकील को सिंबल मिला तो नहीं करेंगे नामांकन।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 07:53 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 09:27 PM (IST)
RJD नेता फातमी बोले- डॉ. शकील को कांग्रेस से मिला सिंबल तो नहीं करेंगे नामांकन
RJD नेता फातमी बोले- डॉ. शकील को कांग्रेस से मिला सिंबल तो नहीं करेंगे नामांकन
दरभंगा / मधुबनी, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी ने राजद पार्लियामेंट्री बोर्ड, नेशनल काउंसिल समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को खाजासराय स्थित आवास पर पत्रकारों से कहा कि 18 अप्रैल तक इंतजार करूंगा। 18 को मधुबनी सीट से नामांकन की आखिरी तारीख है। यदि पार्टी ने कुछ नहीं किया तो अलग होने पर विचार करूंगा। यदि निर्दलीय या किसी पार्टी से उम्मीदवार बना तो मेरी जिम्मेदारी है कि पार्टी के ओहदों से खुद को अलग कर लूं। इसलिए आज यह कदम उठाया है।
 लेकिन, यदि पार्टी समझती है कि मैं वफादार सिपाही हूं। तीस साल जनता दल से लेकर राष्ट्रीय जनता दल तक की खिदमत की है तो मुझे सजा नहीं मिलनी चाहिए। उम्मीद है 18 से पहले पार्टी कुछ फैसला करेगी। मुझे पार्टी छोडऩे के लिए मजबूर नहीं करेगी। सभी जानते हैं कि मिथिलांचल और खासकर दरभंगा, मधुबनी के अंदर किस तरह से पार्टी को सींचा है। किस तरह दोस्तों को एकजुट रखकर राजद को मजबूत किया है। ये मेरे लिए बहुत ही दुख का दिन होगा जब पार्टी से अलग हो जाऊंगा।
 अभी एक चैनल पर तेजस्वी जी का इंटरव्यू सुन रहा था। उन्होंने कहा है कि टिकट से वंचित लोगों का अधिकार निर्दलीय चुनाव लडऩे का है। उम्मीद है कि मैं भी उसी हिस्से का इस्तेमाल करूंगा और 18 तक इंतजार करूंगा। क्योंकि, इतना लंबा रिश्ता है लालू जी, उनके परिवार और राजद से। पार्टी छोडऩे का निर्णय बहुत ही दुखद होगा।
डाॅ शकील को मिला सिंबल तो नहीं करेंगे नामांकन
उधर, मधुबनी के एक होटल में फातमी ने पत्रकारों से कहा कि यदि कांग्रेस डॉ. शकील अहमद को सिंबल दे देती है तो वे नामांकन नहीं करेंगे। यदि कांग्रेस सिंबल नहीं देगी तो 18 अप्रैल को नामांकन करेंगे। अगर राजद ने मुझे सिंबल नहीं दिया तो स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगे और पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। जिस दिन महागठबंधन ने प्रत्याशियों का एलान किया, उससे एक दिन पहले तक राजद नेतृत्व ने मुझे मधुबनी से ङ्क्षसबल देने का निर्णय ले रखा था।
 लेकिन, अचानक घोषणा के दिन बिना कारण बताए टिकट काट दिया। जबकि, राजद नेतृत्व ने मुझे मधुबनी से और अब्दुल बारी सिद्दीकी को दरभंगा से उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया था। इसके मद्देनजर छह माह पहले से मधुबनी से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। इस बीच अचानक वीआइपी कोटे के ऐसे उम्मीदवार की घोषणा कर दी, जिसका कोई राजनीतिक आधार नहीं है। राजद नेतृत्व के इस निर्णय को अलोकतांत्रिक निर्णय करार दिया। कहा कि इस क्षेत्र के लोगों की भावना को देखते हुए चुनाव लडऩे का मन बनाया है।
 
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