Lok Sabha Election 2024: हरियाणा की इस सीट पर 25 साल से नहीं टिक पाया कोई क्षेत्रीय दल, क्या अबकी टूटेगा राष्ट्रीय दलों का तिलिस्म?

Lok Sabha Election 2024 पुराने भिवानी लोकसभा सीट पर पिछले 25 वर्षों से राष्ट्रीय दलों का प्रभुत्व देखने को मिलता है। पहले यहां से विशाल हरियाणा हरियाणा विकास पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) जीत दर्ज कर चुके हैं। मगर अब इनके सामने राष्ट्रीय दलों के तिलिस्म को तोड़ने की चुनौती है। पुराने भिवानी लोकसभा सीट पर 1999 में इनेलो का सांसद बना था।

By Balwan Sharma Edited By: Ajay Kumar Publish:Sun, 24 Mar 2024 01:01 PM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2024 01:01 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: हरियाणा की इस सीट पर 25 साल से नहीं टिक पाया कोई क्षेत्रीय दल, क्या अबकी टूटेगा राष्ट्रीय दलों का तिलिस्म?
लोकसभा चुनाव 2024: 25 वर्षों में राष्ट्रीय दलों के सामने टिक नहीं पाए क्षेत्रीय दल।

बलवान शर्मा, नारनौल। भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में एक समय क्षेत्रीय दलों का दबदबा राष्ट्रीय पार्टियों से भी ज्यादा था। 2009 से पहले के भिवानी लोकसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल हरियाणा विकास पार्टी बनाते ही यहां से अपने समर्थक को लोकसभा में भेजने में कामयाब रहे थे। पुराने महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन्द्र सिंह अपनी क्षेत्रीय पार्टी के दम पर ही संसद में पहुंचने में कामयाब रहे थे। हालांकि बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और चार बार लोकसभा पहुंचे।

1999 के बाद क्षेत्रीय दल नहीं तोड़ पाए राष्ट्रीय दलों का तिलिस्म

खैर यहां बात हो रही क्षेत्रीय दलों के भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा में प्रदर्शन की। इस क्षेत्र में आमतौर पर सर्वाधिक सक्रिय इनेलो, हविपा, हजकां, जजपा और बसपा का मतदाताओं पर प्रभाव रहा है। किंतु 1999 के बाद कोई भी क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय दलों का तिलस्म तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाया है। यहां तक कि इन दलों का वोट प्रतिशत भी लगातार घटता जा रहा है। 2019 के चुनाव में तो कोई भी क्षेत्रीय दल 10 प्रतिशत वोट भी हासिल नहीं कर सका है।

आखिरी बार इनेलो ने किया था कब्जा

यह हम दावा नहीं कर रहे हैं, बल्कि पिछले चुनावों में क्षेत्रीय दलों को मिले वोट प्रतिशत की स्थिति खुद यह कहानी बयां करती है। आने वाले चुनावों में क्षेत्रीय दलों को राष्ट्रीय दलों का तिलस्म तोड़ने के लिए बड़ी मशक्कत करनी होगी। चुनौती इतनी आसान नहीं नजर आ रही है।

पुराने भिवानी लोकसभा क्षेत्र में 1991 से 1998 तक हविपा के सांसद रहे तो 1999 में इनेलो ने इस क्षेत्र में कब्जा जमा लिया। किंतु इसके बाद से कोई भी क्षेत्रीय दल यह अकाल नहीं तोड़ पाया है और इसके बाद राष्ट्रीय दलों का ही कब्जा रहा है।

इसी तरह पुराने महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो केवल 1971 में ही क्षेत्रीय दल का सांसद बन सका था। पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेन्द्र सिंह ने अपनी पार्टी विशाल हरियाणा बनाई थी और लोकसभा में पहुंचने में कामयाब रहे थे। इसके बाद एक भी सांसद क्षेत्रीय दल से नहीं बन सका है।

                        2009 के लोस चुनाव में क्षेत्रीय दलों की स्थिति

दल
प्रत्याशी
मिले वोट
प्रतिशत
इनेलो अजय चौटाला 247240 28.60
हजकां नरेन्द्र सिंह 214161 24.74
बीएसपी विक्रम सिंह 61437 7.10

                        2014 के लोस चुनाव में स्थिति

इनेलो राव बहादुर सिंह 275148 26.70
बीएसपी वेदपाल तंवर 27834 2.70

                       2019 के लोस चुनाव में स्थिति 

जजपा स्वाति यादव 84956 7.32
इनेलो बलवान सिंह 8065 0.69

क्षेत्रीय दलों के कब-कब रहे सांसद 

पुराना भिवानी लोस क्षेत्र 

1991- जंगबीर सिंह, हविपा 1996- सुरेन्द्र सिंह, हविपा 1998- सुरेन्द्र सिंह, हविपा 1999- अजय सिंह चौटाला, इनेलो

पुराना महेंद्रगढ़ लोस क्षेत्र 

1971- राव बीरेन्द्र सिंह, विशाल हरियाणा पार्टी

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