2014 के लोकसभा चुनाव में पटनाइट्स ने डाले थे मात्र 50.53% मत
2019 के लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में मतदान प्रतिशत कम रहने से पटना जिला प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं। पिछली बार की अपेक्षा इस बार अधिक मतदान करना प्रशानसन के लिए चुनौती बना है।
पटना, जेएनएन। पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2014 में पटनावासियों का कम मतदान इस बार चिंता का विषय बन गया है। 2019 के प्रथम चरण के चुनाव में भी मतदान प्रतिशत कम रहने से पटना जिला प्रशासन के पास एक बड़ी चुनौती है।
जिलाधिकारी कुमार रवि ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मतदान के दिन मतदाताओं को बूथ तक पहुंचने के लिए प्रेरित करें। शहरी क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत काफी कम रहता है। पिछले लोकसभा चुनाव में जिले का मतदान प्रतिशत 50.53 पर ही सिमट जाना ठीक नहीं है।
शहरी क्षेत्र में 45 फीसद से भी कम लोगों ने मतदान में भाग लिया था। डीएम ने कहा कि पटना में शिक्षित मतदाता अधिक हैं। ग्रामीण क्षेत्र से ज्यादा मतदान का प्रतिशत शहरी क्षेत्र में होना चाहिए। कोई मतदाता न छूटे कि तर्ज पर छूटे मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोड़वाया गया है।
ईवीएम से मत देने का कराएं पूर्वाभ्यास
डीएम ने अधिकारियों से कहा है कि मतदाताओं के बीच जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही, मतदान पूर्व ईवीएम से मत देने का पूर्वाभ्यास, मतदान का महत्व बताने के लिए चुनावी पाठशाला आदि लगाएं। स्वीप कार्यक्रम के तहत पुन: मतदान केंद्रों तक जाने का निर्देश दिया गया है। मतदाता जागरुकता रथ के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा गांव तक पहुंचने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को खुद मतदाता जागरुकता अभियान में तेजी लाने तथा अपने-अपने प्रखंड क्षेत्र में मतदान के प्रतिशत में वृद्धि का कराने की रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया है।
वोटरों को पहुंचाएं मतदान केंद्र
जिलाधिकारी ने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं को सुगम तरीके से मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। स्वीप कार्यक्रम का नोडल पदाधिकारी भारतीय प्रियंबदा ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर मतदाता जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। रंगोली, चित्रकारी, स्लोगन प्रतियोगिता, ईवीएम और वीवी पैट का चुनाव पूर्व प्रदर्शन किया जा रहा है। जिले के सभी मतदान केंद्रों तक कार्यक्रम हो चुके हैं। दो विधानसभा क्षेत्र पर एक मतदाता जागरुकता रथ गांव-गांव भ्रमण कर रहा है
जिलाधिकारी कुमार रवि ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मतदान के दिन मतदाताओं को बूथ तक पहुंचने के लिए प्रेरित करें। शहरी क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत काफी कम रहता है। पिछले लोकसभा चुनाव में जिले का मतदान प्रतिशत 50.53 पर ही सिमट जाना ठीक नहीं है।
शहरी क्षेत्र में 45 फीसद से भी कम लोगों ने मतदान में भाग लिया था। डीएम ने कहा कि पटना में शिक्षित मतदाता अधिक हैं। ग्रामीण क्षेत्र से ज्यादा मतदान का प्रतिशत शहरी क्षेत्र में होना चाहिए। कोई मतदाता न छूटे कि तर्ज पर छूटे मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोड़वाया गया है।
ईवीएम से मत देने का कराएं पूर्वाभ्यास
डीएम ने अधिकारियों से कहा है कि मतदाताओं के बीच जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही, मतदान पूर्व ईवीएम से मत देने का पूर्वाभ्यास, मतदान का महत्व बताने के लिए चुनावी पाठशाला आदि लगाएं। स्वीप कार्यक्रम के तहत पुन: मतदान केंद्रों तक जाने का निर्देश दिया गया है। मतदाता जागरुकता रथ के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा गांव तक पहुंचने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को खुद मतदाता जागरुकता अभियान में तेजी लाने तथा अपने-अपने प्रखंड क्षेत्र में मतदान के प्रतिशत में वृद्धि का कराने की रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया है।
वोटरों को पहुंचाएं मतदान केंद्र
जिलाधिकारी ने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं को सुगम तरीके से मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। स्वीप कार्यक्रम का नोडल पदाधिकारी भारतीय प्रियंबदा ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर मतदाता जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। रंगोली, चित्रकारी, स्लोगन प्रतियोगिता, ईवीएम और वीवी पैट का चुनाव पूर्व प्रदर्शन किया जा रहा है। जिले के सभी मतदान केंद्रों तक कार्यक्रम हो चुके हैं। दो विधानसभा क्षेत्र पर एक मतदाता जागरुकता रथ गांव-गांव भ्रमण कर रहा है