Loksabha Election 2019 :प्रियंका का गेम प्लान, यूपी में सात सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारेगी कांग्रेस
कांग्रेस समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह सपा के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और अक्षय यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
लखनऊ, जेएनएन। लंबे समय बाद उत्तर प्रदेश के दौरे पर पहुंची प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा चुनाव 2019 में आज बड़ी चाल चल दी है। भाजपा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में गठबंधन बनाने वाले सपा, बसपा व रालोद के लिए कांग्रेस ने सात सीट छोड़ दी है।
कांग्रेस समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह, सपा के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और अक्षय यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी। इसके साथ ही कांग्रेस बागपत व मुजफ्फरनगर से भी रालोद की दो सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने बताया कि हम प्रदेश में सपा-बसपा-आरएलडी के लिए सात सीट छोड़ रहे हैं। कांग्रेस मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद, बागपत, मुजफ्फरनगर के साथ ही मायावती व अखिलेश यादव के खिलाफ अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी। राज बब्बर ने कहा कि हम धन्यवाद देते हैं कि हमारी विचारधारा का सम्मान करते हुए सपा-बसपा गठबंधन ने हमारे लिए दो सीटें छोड़ी, अमेठी और रायबरेली छोड़ने के गठबंधन के फैसले के बाद अब कांग्रेस ने सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन के लिए यूपी में सात सीट छोड़ने का एलान किया है।
कन्नौज, मैनपुरी, बागपत, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, आजमगढ़ के अलावा जहां से मायावती लड़ेंगी उसे भी छोड़ दिया जायेगा। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपना दल (कृष्णा) के साथ गठबंधन के तहत उनके लिए भी दो सीट छोड़ दी है। अपना दल के लिए गोंडा व पीलीभीत सीट छोड़ी गई है। जनाधिकार पार्टी से सात सीटों पर समझौता। मुलायम, मायावती, अखिलेश, डिम्पल, अजित सिंह व जयंत चौधरी के खिलाफ नहीं उतारेंगे उम्मीदवार। फिरोजाबाद से भी उम्मीदवार नही उतारेंगे।कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपना दल (कृष्णा) के साथ गठबंधन के तहत उनके लिए भी दो सीट छोड़ दी है। अपना दल के लिए गोंडा व पीलीभीत सीट छोड़ी गई है।
राज बब्बर ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में जन अधिकार पार्टी के साथ सात सीटों पर समझौता किया है। सात में से पांच पर जन अधिकार पार्टी और दो पर हम चुनाव लड़ेंगे। पांच सीट झांसी, चंदौली, एटा, बस्ती और एक और सीट पर जन अधिकार पार्टी के सिंबल पर और 2 सीट पर कांग्रेस के सिंबल पर लड़ेंगे।उन्होंने कहा कि हमने पहले भी महान दल से बात की थी। उन्होंने कहा था कि हम उन्हें जो भी सीटें देते हैं, वह ठीक हैं। वह लोग चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव में साथ लड़ें। लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने कहा था कि वे हमारे सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। हम उनके साथ इस चुनाव में काम करने का एक तरीका खोज लेंगे।
अपना दल (कृष्णा) का कांग्रेस से गठबंधन
कृष्णा पटेल की अगुआई वाले अपना दल (कृष्णा) ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन किया है। गठबंधन के तहत अपना दल प्रदेश में गोंडा व पीलीभीत की सीटों पर चुनाव लड़ेगा। कल नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कृष्णा पटेल के बीच हुई मुलाकात के दौरान गठबंधन पर मुहर लगी। खास बात यह रही इस मुलाकात के दौरान अपना दल के राष्ट्रीय महासचिव और कृष्णा पटेल के दामाद पंकज निरंजन सिंंह चंदेल ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।
पंकज निरंजन सिंह अध्यक्ष कृष्णा पटेल की पुत्री व पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष पल्लवी पटेल के पति हैं। कल संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। गठबंधन के तहत अपना दल कुर्मी बहुल प्रतापगढ़ और फूलपुर की सीटों पर चुनाव लडऩा चाहता था लेकिन कांग्रेस आलाकमान उसे गोंडा और पीलीभीत की सीटें देने पर रजामंद हुआ। पिछले लोकसभा चुनाव में अपना दल ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। उसके कोटे में मिर्जापुर और प्रतापगढ़ की सीटें गई थीं। मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल और प्रतापगढ़ से कुंवर हरिवंश सिंह चुनाव जीते थे। इसके बाद में अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल और बड़ी बहन पल्लवी से अनबन होने पर उन्होंने अपना दल (सोनेलाल) नामक नया दल बना लिया। हाल ही में अपना दल से बगावत करते हुए कुंवर हरिवंश अखिल भारतीय अपना दल बनाने का एलान कर चुके हैं।
पंकज निरंजन सिंह चंदेल के कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। गठबंधन से पहले ही पंकज मीरजापुर सीट से लोकसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जता चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने भले ही अपना दल के खाते में दो सीटें डाली हों लेकिन पंकज को वह अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा सकती है। फिलहाल कांग्रेस ने मीरजापुर सीट से ललितेश पति त्रिपाठी को प्रत्याशी घोषित किया हैै। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस के बैनर तले पंकज कहां से चुनाव लड़ते हैं। कांग्रेस महान दल और अपना दल (कृष्णा गुट) के साथ औपचारिक गठबंधन में है जबकि पीस पार्टी जैसी छोटी पार्टियां भी कांग्रेस को समर्थन का ऐलान कर सकती हैं।