Loksabha Election 2019 : कार्टून से लोकसभा व विधानसभा चुनावी जंग, ठहाकों से जिताएं

वोटिंग से पहले अपने-अपने नेता को जिताने की तस्वीर पेश करने में हर पार्टी के सोशल योद्धा लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर प्रचार के नये-नये तरीकों पर भी जोर है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 14 Mar 2019 05:22 PM (IST) Updated:Thu, 14 Mar 2019 05:22 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : कार्टून से लोकसभा व विधानसभा चुनावी जंग, ठहाकों से जिताएं
Loksabha Election 2019 : कार्टून से लोकसभा व विधानसभा चुनावी जंग, ठहाकों से जिताएं

लखनऊ [अमित मिश्र]। लोकसभा चुनाव 2019 की जमीन तैयार होने के साथ ही इंटरनेट पर चुनावी जंग छिड़ी हुई है। यहां हथियार हैं कार्टून और स्केच तो मुद्दे हैं ट्वीट और रीट्वीट।

वोटिंग से पहले अपने-अपने नेता को जिताने की तस्वीर पेश करने में हर पार्टी के सोशल योद्धा लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर प्रचार के नये-नये तरीकों पर भी जोर है।

देखिए...जोड़ कहीं '56' तो नहीं आ रहा..!

'11 से शुरू 19 को खत्म, 23 को रिजल्ट और 3 दिन बाद शपथ..., देखिए जोड़ कहीं '56Ó तो नहीं आ रहा..!!!'

पूरे लोकसभा चुनाव को 56 इंची सीने में समेट देने वाला ट्वीट अगर युवाओं की सृजन व कल्पनाशीलता बता रहा है तो साथ ही चुनाव में उनकी दिलचस्पी और एक अलग नजरिया भी दिखा रहा है। चुनाव को इसी खास नजरिए से देखना हो तो जरा सोशल मीडिया पर आ जाइए।

पर पर तो कुछ यहां इशारों में है तो बहुत कुछ खुल्लमखुल्ला। जरा-जरा मजेदार है तो कहीं चुभता भी है। शर्मा जी यहां भाजपा के लिए ट्वीट करते हैैं- 'रात के तीन बजे आतंकवादी मरवाने हों तो बीजेपी को वोट दें और रात के तीन बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवाकर आतंकवादी बचाने हों तो कांग्रेस को दें।

हालांकि भाजपा पर हमला करने वाले भी कम नहीं हैं। नीतू-शोभित के ट्विटर हैंडल से भाजपा के लिए कई सवाल भी खड़े हैं- 'कहां है बुलेट ट्रेन, कहां है धारा 370, कहां है राम मंदिर, कहां है रुपया बनाम डॉलर, कहां है स्मार्ट सिटी, कहां हैं रोजगार, कहां है स्वच्छ गंगा, कहां हैं पंद्रह लाख, कहां है काला धन और कहां हैैं अच्छे दिन..?' हमला समाजवादी पार्टी पर भी है।

संतोष सिंह राजपूत ने तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार की राजनीति और बड़े पदों पर मौजूदगी का पूरा फैमिली ट्री ही इन्फोग्राफिक के जरिए बना दिया।

उधर बसपा पर भी निशाना साधते हुए मुकेश त्रिपाठी ट्वीट के जरिए पूछते हैैं- 'आपकी पार्टी जितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उतने में मुख्य विपक्षी पार्टी भी नहीं बनेगी। फिर विकास की नदियों, बेरोजगारी और राष्ट्रीय सुरक्षा का क्या होगा।'

त्रिकोण के बीच जंग

मौज-मस्ती और चुहलबाजी के कलेवर वाला सोशल मीडिया होली से पहले चुनावी रंग में आ गया है। सड़क पर चुनाव भले ही कुछ दिन बाद से दिखना शुरू हो लेकिन, ट्विटर और फेसबुक पर चुनावी अखाड़े सज गए हैैं। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के जैसे समीकरण हैं, वैसा ही त्रिकोण ट्विटर पर भी बन गया है। एक ओर मोदी समर्थक हैं तो सामने एक ओर कांग्रेस और दूसरी ओर सपा-बसपा के खेमे बन गए हैं। यहां सब कुछ बड़ा तेज है। विचारधारा लेकर दौड़ रहे 'हैशटैग्स' हर खास-ओ-आम की बात समेटते हुए तेजी से बढ़े चले जा रहे हैं तो बाहर नेताओं द्वारा दिया जा रहा हर बयान भी किसी सेंसेक्स की तरह ट्रेंडिंग लिस्ट में तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा है।

दिख रही बेहतर तकनीक

सोशल मीडिया पर निगाहों को बरबस खींच लेने वाले खूबसूरत और तकनीकी तौर पर दुरुस्त इंफोग्राफिक बता रहे हैं कि राजनीतिक दलों ने अबकी पिछली बार से ज्यादा प्रोफेशनल और दक्ष लोगों को इस काम में लगाया है। कुछ सेकेंड वाले वीडियो भी इस बार बढ़े हैैं। 

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