Lok Sabha Election 2024: राजनांदगांव में दिलचस्प चुनावी मुकाबला, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने संतोष पांडेय की चुनौती

Lok Sabha Election 2024 छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस ने यहां उतारा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा सांसद संतोष पांडेय को टिकट दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के लिए भी यह चुनाव अहम होगा। वे यहां की एक सीट से विधानसभा सदस्य हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar Publish:Wed, 24 Apr 2024 08:43 PM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2024 07:46 AM (IST)
Lok Sabha Election 2024: राजनांदगांव में दिलचस्प चुनावी मुकाबला, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने संतोष पांडेय की चुनौती
लोकसभा चुनाव 2024: भूपेश बघेल और संतोष पांडेय।

जेएनएन, रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। नक्सली इलाके बस्तर से लेकर राजधानी रायपुर तक वि​भिन्न पार्टियां चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसी बीच छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कही जाने वाली छत्तीसगढ़ लोकसभा सीट पर भी मुकाबला रोचक है। यहां छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेश बघेल चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद संतोष पांडेय से है। पांडेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक की पृष्ठभूमि से आते हैं।

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रमन सिंह के लिए भी अहम है चुनाव

पिछली बार संतोष पांडेय ने कांग्रेस के प्रत्याशी भोलाराम साहू को एक लाख से अधिक मतों से पराजित किया था। इस बार कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े चेहरे भूपेश पर दांव खेला है। इसलिए इस सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की भी साख दांव पर है, क्योंकि इसी लोकसभा क्षेत्र में रमन का विधानसभा क्षेत्र भी है। हालांकि रमन विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते इस बार प्रत्यक्ष राजनीति में नहीं हैं, परंतु इस सीट पर भाजपा की जीत उनके लिए भी अहम है।

कांग्रेस की जाति राजनीति में फिट बैठे भूपेश

कांग्रेस ने लोकसभा क्षेत्र में पिछड़े वर्ग की बहुलता को देखते हुए ओबीसी समाज से भूपेश बघेल को मैदान में उतारकर पिछड़ा कार्ड खेला है तो वहीं भाजपा ने जातिगत समीकरण को नजरअंदाज करते हुए सामान्य वर्ग से ही कवर्धा निवासी संतोष पांडेय को दोबारा प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है।

इस लोकसभा क्षेत्र के डोंगरगांव, खुज्जी क्षेत्र में साहू समाज, मानपुर-मोहला क्षेत्र आदिवासी समाज, खैरागढ़ क्षेत्र में लोधी समाज, डोंगरगढ़ सीट में एसटी वर्ग की बाहुलता है। पंडरिया और कवर्धा क्षेत्र में अलग-अलग समाज के लोग निवासरत हैं।

कांग्रेस भरवा रही न्याय गारंटी का फार्म, भाजपा का मोदी पर फोकस

यहां कांग्रेस के प्रत्याशी और उनके समर्थक महिलाओं को न्याय की गारंटी देते हुए एक लाख देने का वादा कर उनसे फार्म भरवा रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रत्याशी व उनके समर्थक अयोध्याधाम में भगवान श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा, मोदी की गांरटी, राष्ट्रहित के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा का पूरा फोकस मोदी के चेहरे पर है।

रमन और बेटे भी यहीं से रहे सांसद

राजनांदगांव वही सीट है जहां से भाजपा नेता व तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह भी सांसद रहे हैं। 1999 के चुनाव में डॉ. रमन सिंह चुनाव जीते थे। इसके बाद 2004 में भी भाजपा के प्रदीप गांधी चुनाव जीते थे, मगर 2007 के उप चुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह ने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने में सफलता हासिल की थी।

2009 में भाजपा के मधुसूदन यादव, 2014 में भाजपा के अभिषेक सिंह और 2019 के चुनाव में भाजपा के संतोष पांडेय सांसद निर्वाचित हुए थे। पांडेय दोबारा चुनावी मैदान में हैं।

नक्सल प्रभावित है सीट

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की आधी आबादी नक्सल प्रभावित है। यहां अभी भी मोहला मानपुर और महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में कभी कभार नक्सली वारदात करते रहते हैं। यही वजह है कि गांवों में विकास शहरों के मुकाबले काफी कम ही पहुंच सका है। इस क्षेत्र में पेयजल, पक्की सड़क, बिजली और शिक्षा समेत मूलभूत सुविधाओं को लेकर जनता मतदान करती है। इस बार यह सीट भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

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