Lok Sabha Election 2024: कश्मीर में बदलती तस्वीर, चुनाव बहिष्कार का फरमान नहीं, वोटिंग के लिए दिख रहा जोश

Lok Sabha Election 2024 चुनाव बहिष्कार के फरमान और आतंकी धमकियों के कारण मतदान के दिन सन्नाटा पसरे रहने वाले कश्मीर में इस बार तस्वीर बदली नजर आ रही है। अब बहिष्कार के फरमान के बजाय वोट डालने के लिए प्रेरित करने की रैलियां निकल रही हैं। मतदान को लेकर जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक व अन्य कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

By Sachin Pandey Edited By: Sachin Pandey Publish:Fri, 26 Apr 2024 09:13 AM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2024 09:13 AM (IST)
Lok Sabha Election 2024: कश्मीर में बदलती तस्वीर, चुनाव बहिष्कार का फरमान नहीं, वोटिंग के लिए दिख रहा जोश
Lok Sabha Election 2024: कश्मीर में मतदान से पहले लोगों में वोट डालने को लेकर उत्साह दिख रहा है।

रजिया नूर, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग का सरनल इलाका, दुकान के बाहर खड़े मलिक साबिर मतदाता जागरूकता रैली को देख उत्साहित हैं। हर बार चुनाव बहिष्कार के फरमान और आतंकी धमकियों के कारण उन्हें हर बार घरों में रहना पड़ता था, मतदान के दिन तो पूरा सन्नाटा पसर जाता था। इस बार माहौल बदला है। बहिष्कार के बजाय वोट डालने के लिए प्रेरित करने की रैलियां निकल रही हैं। वह कह उठते हैं कि यकीन नहीं यह वही दक्षिण कश्मीर है। हम भी सात मई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

वहां से करीब 80 किलोमीटर दूर श्रीनगर के जेनदार मोहल्ला के मोहम्मद अयूब की कहानी भी इससे जुदा नहीं है। 60 वर्षीय अयूब को लगता है कि पुराने दिन लौट आए हैं। कहते हैं 1983 में पहली बार वोट डाला था। इसके बाद हड़ताल और बंद के फरमान ही सुनने को मिलते थे। हां, अब हालात फिर बदले दिख रहे हैं। अनुच्छेद 370 क्या हटा, अब कश्मीर का माहौल बदल गया है।

चुनावी रैलियों में दिख रहा जोश

मतदान से पूर्व ही चुनावी रैलियों का जोश दिख ही रहा है, प्रशासन भी स्थानीय लोगों की मदद से शहर-शहर लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है। श्रीनगर का लाल चौक हो या दक्षिण कश्मीर के चौराहें व गलियां, हर ओर मतदान के लिए गूंज सुनाई दे रही है। मतदाता जागरूकता अभियान में उमड़ रही भीड़ मतदाताओं के उत्साह को प्रदर्शित कर रही है।

कब-कब होना है मतदान

बता दें कि कश्मीर व जम्मू संभाग में बंटी अनंतनाग-राजौरी सीट पर सात मई, श्रीनगर सीट पर 13 मई और बारामुला सीट पर 20 मई को मतदान होना है। अनंतनाग-राजौरी और श्रीनगर सीट के लिए नामांकन का दौर समाप्त हो चुका है। ऐसे में राजनीतिक दलों की रैलियां भी तेज हो गई हैं। इन सभाओं में उमड़ रही भीड़ लोगों के उत्साह की गवाही दे रही है।

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एक दौर था जब मतदान के आसपास हड़ताल से सब वीरानी छा जाती थी, इस बार देश-विदेश के पर्यटक भी इस बदलाव को करीब से महसूस कर सके हैं। दिल्ली से आए एक पर्यटक बताते हैं कि ट्यूलिप गार्डन में स्थानीय युवाओं को मतदान के लिए नारे लगाते और थिरकते देखा, कश्मीर पर सवाल पूछने वालों को यह क्यों नहीं दिख रहा।

"इस बार कश्मीर में विशेषकर युवाओं में मतदान के प्रति काफी जोश है। घाटी के हर जिले में मतदान को लेकर जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक व अन्य कार्यक्रम किए जा रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भाग ले रहे हैं। यकीनन इसका असर मतदान प्रतिशत में भी दिखेगा। मतदान के दिन भी महिलाओं के लिए अलग केंद्र व दिव्यांग व बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।"

अब्दुल हमीद, सीईओ, मतदाता जागरूकता एवं सहभागिता अभियान

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