महागठबंधन को झटके के संकेत, जीतनराम मांझी ने बदले सुर, बोले- विकल्पों पर करेंगे विचार

जीतनराम मांझी महागठबंधन को झटका दे सकते हैं। उन्होंने मंगलवार को पटना में हुई बैठक में इसके संकेत दिए। हिदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (हम) की बैठक के संबंध में जानकारी के लिए पढ़ें खबर।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 06:39 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 10:22 AM (IST)
महागठबंधन को झटके के संकेत, जीतनराम मांझी ने बदले सुर, बोले- विकल्पों पर करेंगे विचार
महागठबंधन को झटके के संकेत, जीतनराम मांझी ने बदले सुर, बोले- विकल्पों पर करेंगे विचार

पटना [जेएनएन]। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी महागठबंधन को झटका दे सकते हैं। उन्होंने मंगलवार को पटना में हुई बैठक में इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि लोकसभा चुनाव के लिए उपेंद्र कुशवाहा या मुकेश सहनी से कम सीटें मिलीं तो पार्टी विकल्पों की तलाश करेगी। इसमें गठबंधन पर पुनर्विचार भी शामिल है। 

मंगलवार को राज्य कोर कमेटी की बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने मीडिया से उक्त बात कहीं। मांझी इस मसले पर लालू प्रसाद यादव से भी बात करेंगे और 23 फरवरी को वे रांची जाकर लालू यादव से मुलाकात भी करेंगे। 

मांझी ने कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बिहार के महागठबंधन में पहले से है। उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी इसमें बाद में शामिल हुए हैं। ऐसे में सीटों पर हम का अधिकार पहले बनता है। यदि उनकी अनदेखी की जाती है और कम सीटें दी जाती हैं तो ऐसी स्थिति में वे विकल्पों पर विचार करेंगे। 

मांझी ने जानकारी दी कि प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल और राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। पार्टी ने अपने दरवाजे इन दोनों नेताओं के लिए बंद कर दिए हैं। पार्टी कोष के संबंध में उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था। नेताओं को इस मसले पर लडऩे से बचना चाहिए था। यदि गड़बड़ हुई है, तो इसकी जांच होगी। 

उन्होंने बताया कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से कोष के दुरुपयोग की जांच के लिए कमेटी गठित करने का फैसला किया है। कमेटी में रवींद्र राय, अनिल सिंह, बीएल वैश्यंत्री, रघुवीर मोची को शामिल किया गया है। मांझी ने ऐलान किया कि 18 फरवरी तक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नए प्रदेश अध्यक्ष का मनोनयन कर दिया जाएगा। कोर कमेटी की बैठक में संतोष कुमार सुमन, मुकेश मांझी, महाचंद्र प्रसाद सिंह, अनिल सिंह, अजीत सिंह, अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी के साथ ही सभी कोषांग के अध्यक्ष मौजूद रहे।

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